उद्धव ठाकरे के घर के सामने हनुमान चालीसा पढऩे का मुद्दा राजनीति से प्रेरित नही था, लेकिन मॉल में सुंदर कांड व हनुमान चालीस पढऩा राजनीतिक से प्रेरित लग रहा है
लुलु मॉल विवाद पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग मॉल को लेकर राजनीति का अड्डा बनाने, अनावश्यक बयानबांजी कर और उनके नाम पर प्रदर्शनकरके लोगों के आवागमन को बाधित करने की कोशिश कर रहे है। लेकिन महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के सामने अमरावती की निर्दलीय सांसद नवनीत राणा द्वारा हनुमान चालीस पढऩे के मामले पर योगी आदित्यनाथ ने लुलु मॉल की तरह बयान नही दिया था, जबकि दोनों ही मामले में काफी समानता है, गोदी मीडिया भी उद्धव ठाकरे के घर के सामने हनुमान चालीसा मामले को जमकर हवा दी थी, परंतु लुलु मॉल में हनुमान चालीस व सुंदरकांड पढ़े जाने को लेकर वैसा माहौल बनाने की कोशिश नही की।
हिन्दू मुस्लिम राजनीति मॉल खोलने पर नही लागू हेाती है?
गैर भाजपाशासित राज्यों में शरारत स्वीकार है?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जरूर लद्दाख में चीन द्वारा किये गये अतिक्रमण पर मौन साधे हुए है, लेकिन लुलु मॉल पर गहराते विवाद पर अंतत: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सामने आना पड़ा। उन्होंने कहा कि अराजकता पैदा करने और सांप्रदायिक विद्धेष की स्थिति पैदा करने की जो कोशिश हो रही है, इसे लखनऊ प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए, किसी की शरारत स्वीकार नही किया जाएगा, माहौल खराब होने वालों से सख्ती से निपटना चाहिए। गौरतलब है कि लुलु मॉल का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा किये जाने के बाद से ही सवाल उठने लगे थे, लेकिन कुछ लोगों के नमाज पढऩे का वीडियों वायरल होने के बाद विवाद गहरा गया, कुछ हिन्दूवादी संगठन के साथ ही करणी सेना सड़क में उतरने हुए सुंदर कांड व हनुमान चालीसा पढऩे की आवाज बुलंद की, जिसकों लेकर प्रदर्शनकारी और पुलिस के साथ झड़प भी हुई और कई लोगों की गिरफ्तारी भी हुई। वही दूसरी तरफ पुलिस जांच में यह सामने आ रहा है कि सुनियोजित षडयंत्र के तहत मॉल में नमाज पढ़ी गई, पुलिस ने अभी तक चार लोगों को गिरफ्तार भी किया है जिसमें तीन हिन्दू होने के बाद यह मामला राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनता जा रहा है, कि इस षडयंत्र के पीछे किसका हाथ है? राजनीतिक जानकारों का कहना है कि लुलु मॉल की तरह घटना किसी गैर भाजपाशासित राज्य में होती तो भाजपा नेता गोदी मीडिया के साथ मिलकर हिन्दू विरोधी बताने लगते और यह मांग भी करने लग जाते कि मॉल मेंं नमाज पढ़ी जा सकती है तो फिर वहां पर हनुमान चालीसा और सुंदरकांड क्यों नही पढ़ा जा सकता है। हनुमान चालीस और सुंदरकांड भारत में नही पढ़ा जायेगा तो क्या पाकिस्तान में पढ़ा जायेगा? लेकिन योगी सरकार में यह घटना होने के कारण सभी मौन साधे हुए है। इस मामले पर जरूर कुछ हिन्दू संगठन के साथ ही करणी सेना के सामने आने से योगी सरकार की कट्टर हिन्दू इमेज को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास किया है, जिस मॉल का मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया है उस मॉल पर बुलडोजर चलाने की मांग हिंदूवादी संगठन अखिल भारत हिन्दू महासभा के द्वारा की गई है।