सात सालों से केन्द्र की सत्ता में हो, गोलमाल को रोकने के लिए क्या किया, इसका भी बताना पड़ेगा
बंगाल चुनाव की पहली चुनावी सभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम लिये बगैर ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी पर लाभ पहुंचाने का आरोप ममता बेनर्जी पर लगाते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल के नौजवान, यहां के बेटे-बेटियों आपसे एक ही सवाल पूछ रहे है कि खुद को एक भतीजे तक सीमित क्यो कर लिया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ब्रिगेड परेड ग्राउण्ड में उपस्थित जनता को यह नही बताया कि सात सालों से वह केन्द्र की सत्ता में काबिज है और ममता बेनर्जी के इस भतीजा परस्ती के खिलाफ किस किस तरह के कदम उठाये ताकि बंगाल में चल रहे इस गोलमाल को दोषियों को सजा मिल सके। सवाल यह है कि सभी केंद्रिय एजेंसी मोदी सरकार के अंडर की काम करती है इसलिए ममता बेनर्जी व उनके भतीजे के बीच चल रहे इस खेल से जानकार होने के बाद भी क्यो आखें मुदी रखी, अभी तक इस मामले पर क्या क्या किया यह वहां की जनता को नही बताने से यह सवाल गहरा गया है कि गांधी परिवार पर तरह जिस तरह से भ्रष्टाचार के आरोप लगा कर सत्ता पर काबिज हो गये लेकिन सात सालों में अभी तक किसी भी गांधी परिवार के सदस्य को जेल तक नही भेज सके है, क्या उसी रणनीति के तरह एक बार फिर ममता बेनर्जी के खिलाफ आरोप लगा कर जनता को अपने पक्ष में करके सत्ता परिवर्तन की जो मुहिम भाजपा चला रही है ताकि उसकों अंजाम तक पहुचंाया जा सके। भ्रष्टाचार सिर्फ चुनाव जीतने का मुद्दा बना कर नेता सत्ता तो प्राप्त कर लेती है लेकिन बात में वह मुद्दा भूल जाती है यहां तो मामला ही अलग है केन्द्र में मोदी सरकार होने के बाद बंगाल में इतना गोलमाल कैसे चल रहा था यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए क्योकि वह विपक्ष में नही, देश की सत्ता में काबिज है।