धु्रवीकरण की राजनीति के बीच आई अच्छी खबर
खेलों में भी राजनीति के दम पर ओलंपिक गेम्स में प्रवेश मिलता तो निश्चित ही चीन में आयोजित 24वें विंटर ओलंपिक में मोदी सरकार के दौरान भारत का तिरंगा कश्मीर में रहने वाले आरिफ खान ले कर नही चलते। विंटर ओलंपिक में भारत की पदक की उम्मीद आरिफ खान पर ही टिकी हुई है।
देश में हिन्दू मुस्लिम राजनीति अपने पूरे चरम पर है। यूपी चुनाव में भाजपा नेताओं ने 80 प्रतिशत बनाम 20 प्रतिशत का नारा भी लगाया। भाजपा के द्वारा यूपी में मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट मिलना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना जाता है, धु्रवीकरण की इस राजनीति के दौरान ही चीन के बीजिंग में आयोजित 24 वें विंटर ओलंपिक गेम्स में स्लालैम और जाएंट स्लालैम स्पर्धाओं में भाग लेने वाले अल्पाइन स्कीयर मोहम्मद आरिफ खान ने भारतीय दल का प्रतिनिधित्व करते हुए तिरंगा फहराया। जो इस बात का संदेश देता है कि जिस तरह से खेलों में राजनीतिक हस्ताक्षेप के बाद भी प्रतिभाएं अपने स्तर पर जगह बना लेती है। ध्रुवीकरण की राजनीति से जरूर कुछ दिन राजनीतिक दल सत्ता में बने रह सकते है लेकिन इस ध्रुवीकरण की राजनीति से देश का कितना विकास हुआ, इसकी समीक्षा सरकार सात सालों में नही की है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली मोदी सरकार में 24 वें विंटर ओलंपिक खेलों में आरिफ खान के द्वारा तिरंगा फहराया जाना इस बात का प्रमाण है कि मोदी सरकार हिन्दुत्व की राजनीति के बाद भी दूसरे धर्म के खिलाडिय़ों ने देश का गौरव बढ़ाने का काम किया है। भाजपाई दावा करते है कि मोदी सरकार आने के बाद दुनिया में भारत का गौरव बढ़ा है लेकिन इसके बाद भी भारत विश्व पटल पर अभी तक किसी भी विश्व पटल पर खेल जाने वाले खेलों अपनी पकड़ बनाने में कामयाब नही हो सका है।