अयोध्या में विकास की गंगा बहाने के बाद भी योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर पलायन करना पड़ा
यूपी में डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का चुनाव नही लडऩा, राजनीतिक गलियारों के साथ ही विपक्ष को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है कि डबल इंजन की सवारी करने पर डिप्टी सीएम जैसे बड़े नेता डर रहे है, वही योगी आदित्यनाथ को क्यो गोरखपुर जैसी सुरक्षित सीट की जरूरत पड़ रही है, जो यही संकेत दे रहा है यूपी में योगी सरकार की विदाई जनता ने तय कर दी है, इसका एहसास भाजपा के बड़े नेताओ को भी है, भाजपा आलाकमान योगी आदित्यनाथ को अयोध्या से चुनाव लड़ाना चाहती थी। ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा नेताओं के चुनाव लडऩे से दूरी बनाने पर कहा कि दिनेश शर्मा भाजपा के बड़े नेता होने के बाद भी एक चुनाव जीत नही सकते। दिल्ली हाईकमान ने कहा कि डिप्टी सीएस चुनाव लड़ेगें, तो भाग गए चुनाव लडऩे से। ये जान चुके हैं यूपी में विदाई है।
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गोदी मीडिया उत्तरप्रदेश चुनाव में अपने सर्वे में फिर से भाजपा की वापसी जरूर करा रही है, लेकिन जनता को यह बताने की कोशिश नही कर रहा है कि मोदी और योगी के डबल इंजन सरकार होने के बाद भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर जैसे सुरक्षित सीट से चुनाव लडऩे की जरूरत क्यों पड़ रही है। जब उनके कार्यकाल में विकास की गंगा पूरे यूपी में बह रही है तो वह अयोध्या से भी चुनाव लड़ सकते थे जहां से लडऩे का राजनीतिक बाजार गोदी मीडिया ने महीनों की मेहनत से तैयार किया था। इसी कड़ी में दूसरा नाम उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा का भी शामिल हो गया है, जिन्हें भाजपा ने उपमुख्यमंत्री बना का सत्ता के सूख से अवगत कराया, आज भाजपा को उनकी जरूरत है, लेकिन वह चुनाव लडऩे से भाग रहे है। जिस तरह से भाजपा के बड़े बड़े नेता डबल इंजन की सरकार होने के बाद भी एक सुरक्षित सीट से चुनाव लडऩे की कोशिश कर रहे है वह स्पष्ट करता है कि नेताओं को भाजपा की नही अपनी राजनीति की चिंता है। भाजपा के बड़े नेताओं का सुरक्षित सीट या फिर चुनाव लडऩे से दूरी बनाने को विपक्ष एक राजनीतिक मुद्दा बना कर भाजपा को घेरने की कोशिश में लग गयी है। जो राजनीतिक तौर पर पूरी तरह सही भी है, क्योकि भाजपा के बड़े नेताओं का सुरक्षित सीट से चुनाव लडऩा बताता है कि उन्हें अपने विकास पर भरोसा नही है। सपा गठबंधन का हिस्सा ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि दिल्ली हाईकमान के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के चुनाव लडऩे की घोषणा के बाद भी उनका चुनाव से भागना स्पष्ट करता है उन्हें भी इस बात का एहसास है कि योगी सरकार की विदाई तय है। इसलिए हार से बचने से लिए चुनाव ना लडऩा ही समझदारी है। दिनेश शर्मा में लखनऊ की कैंट सीट की सुरक्षित सीट से चुनाव लडऩा चाहते है।