भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने माना कि अमेरिका दवाब में जम्मू कश्मीर के नेताओं और मोदी सरकार के बीच बैठक हुई
मैराथॉन बैठक का परिणाम कुछ भी नही निकला, आज भी दोनों पक्ष अपने अपने जगह कायम है
मोदी सरकार किसी के दबाव में काम नही करती है यह दावा करने वालों को हवा भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने यह कह कर निकाल दी कि अमेरिका के दबाव में जम्मू कश्मीर के नेताओं की मोदी सरकार के साथ बैठक हुई है, मोदी सरकार श्री स्वामी के इस बयान का खंडन करके यह साबित करने का साहस करेगी कि उनका दिया गया यह बयान गलत है। गौरतलब है कि अमेरिका की कमान बाइडेन के हाथों में आने के बाद ही लद्दाख विवाद में भी भारत व चीन के बीच समझौता हुआ है, जिसके बाद ही दोनों देशों की सेना पीछे लौटी है, उसी तरह ही बैकचैनल भारत और पाकिस्तान के बीच भी बातचीत चल रही है, जिसकी वजह से सीमा पर किसानों को जमीन में खेती करने पर दोनों देशों में 28 साल बाद सहमति बनी। जो स्पष्ट संकेत दे रहा है कि मोदी सरकार किसी अदृश्य शक्ति के दबाव में काम कर रही है, जैसे देश का गोदी मीडिया किसी अदृश्य शक्ति के इशारे में काम कर रहा है। जिसकी वजह से ही जम्मू कश्मीर में रहस्य ड्रोन हमले पर भी मोदी सरकार पुलवामा हमले की तरह पाकिस्तान को सबक सिखाने का दावा नही कर रही है।
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी का ताजा बयान की अमेरिका के दबाव में जम्मू-कश्मीर के नेताओं की मोदी सरकार के साथ बैठक हुई, जो स्पष्ट करता है कि धारा 370 को हटाने के बाद जो तनाव की स्थिति बनी हुई थी उसे अमेरिका के दवाब में कम करने का प्रयास तो किया गया लेकिन परिणाम कुछ नही निकला, क्योकि जम्मू कश्मीर ने नेता महबूबा मुफ्ती ने एक बार फिर धारा 370 व 35 ए को लागू करने की मांग की है उनका कहना है कि महाराजा हरिसिंह ने जम्मू कश्मीर के लोगों की पहचान की रक्षा के लिए लाए थे। वही दूसरी तरफ राज्य के दर्जा को लेकर भी जम्मू कश्मीर के नेता और मोदी सरकार आमने सामने है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अमेरिका के दवाब में जरूर जम्मू कश्मीर के नेता और मोदी सरकार के बीच साढ़े तीन घंटा की मैराथॉन बैठक चली हो लेकिन यह बैठक पूरी तरह से फेल हो चुकी है यह भी सार्वजनिक हो चुका है। इसलिए जम्मू कश्मीर मामले पर आगे क्या होगा इस पर सभी की नजर है।