लेखिका कनिका ढिल्लों के मोदी सरकार के खिलाफ लिखे गये ट्वीट अक्षय कुमार के लिए परेशानी का सबब बने
अमिर खान की लालसिंह चढ्डा के सोशल मीडिया में बहिष्कार से मोदी सरकार के समर्थक अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म रक्षाबंधन के सफल होने की संभानाओं को बल मिल रहा था, लेकिन फिल्म रक्षाबंधन की लेखिका कनिका ढिल्लों के मोदी सरकार के लिखाफ पुराने ट्वीट वायरल हो रहे है जिसमें उन्होंने मोदी सरकार की तीखी आलोचना की थी, जिसके चलते ट्वीटर में इस फिल्म के बहिष्कार की आवाज भी बुलंद होने लगी है।
अभिनेत्रा अक्षय कुमार मोदी सरकार के कट्टर समर्थक होने के बाद भी उनकी नई फिल्म रक्षाबंधन के बहिष्कार की आवाज अमिर खान की फिल्म लालसिंह चढ्डा की तरह उठने लगी है, ऐसे में सवाल तो उठता है कि मोदी समर्थक होने का फायदा क्या मिला? अक्षय कुमार की बच्चन पांडे असफल होने के बाद सम्राट पृथ्वीराज के सफल होने के उम्मीद थी क्योकि द कश्मीर फाइल्स की तरह ही इस फिल्म का भी मोदी सरकार के मंत्रियों द्वारा प्रचार किया गया इसके बाद भी यह फिल्म दम तोड़ दी, रामसेतु को लेकर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी कोर्ट जाने की बात कहके मुश्किलें बढ़ा चुके है, अब फिल्म रक्षाबंधन की लेखिका कनिका ढिल्लों के मोदी सरकार के खिलाफ लिखे गये ट्वीट रक्षाबंधन फिल्म के बहिष्कार के लिए वायरल किये जा रहे है्र जिसमें लेखिका कनिका ढिल्लों ने लिखा था कि अस्पताल के बिस्तर में इंतजार में पार्किग में मरना… ये अच्छे दिन है! भारत सुपर पांवर है! और गौ माता का मूत्र पीने से कोरोना चला जाएगा। लेखिका का एक और ट्वीट चर्चा में है जिसमें लिखा था कि आपकों लगता है कि एक दिन भारत की गायें भी चुनाव लड़ेगी? चूंकि वे हमारे मंत्रियों की तुलना में अधिक समाधान-लाभ और सुरक्षा प्रदान करती है! पवित्र गाय! जय गईया माता की। गौ माता का अपमान नहीं सहेगा हिन्दुस्तान! लिंचिस्तान! गौ माता भी डरी हुई है और थक गई है! वह भी देश छोड़कर यूएस जाना चाहती हैं और तब तक ट्रंप को झेलने का तैयार है जब तक कि हिंदुस्तान में शांति, सामान्य बुद्धि और इंसानियत नही लौट आती ।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि अक्षय कुमार को रक्षाबंधन फिल्म करने से पहले क्या इस बात की जानकारी नही थी कि लेखिका कनिका ढिल्लों की मोदी सरकार के खिलाफ कोरोना काल में ट्वीट किया है, जो उनकी फिल्म के लिए नुक्सान दायक हो सकता है, क्योकि देश में मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को पंसद नही किया जाता है। चाहे वह विपक्ष हो या पत्रकार या फिर किसी फिल्म की लेखिका ही क्यों ना हो।