विपक्ष में रहते कांग्रेसी नेताओं ने भाजपा पर अधिकारी राज का आरोप लगाया था, सत्ता में आने के बाद आज उसी बिमारी से जुझ रही है
छत्तीसगढ़ सरकार में किसकी चल रही है? यह सवाल इसलिए गहराता जा रहा है क्योकि कांग्रेस के जिलाध्यक्षों व विधायकों की बातों को भी अधिकारी गंभीरता से नही लेते है, इस बात की शिकायत कांग्रेसी नेताओं द्वारा विगत दिनों प्रदेश प्रभारी पी एल पुनिया के साथ हुई बैठक में की थी। बात उससे आगे निकल गयी है जिलाध्यक्ष क्या विधायकों की भी बात भी अधिकारी नही सुन रहे है। कांग्रेसियों में बढ़ते असंतोष को देखते हुए सरकार ने एक बार फिर सख्ती दिखाते हुए सभी अधिकारियों को निर्देश दिये है कि सांसद विधायकों और जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए उनके पत्रों का समुचित उत्तर भी दें। गौरतलब है कि पूर्व में भी सरकार के द्वारा अधिकारियों को इसी तरह के निर्देश दिये गये थे लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों के द्वारा जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज किया जाने से सवाल गहराता जा रहा है कि आखिर अधिकारी क्यो जनप्रतिनिधियों को नजरअंदाज कर रहे है और सरकार निर्देश जारी करने के बाद भी लगाम क्यो नही लगा पा रही है, क्या सत्ता का केंद्रियकरण तो नही हो गया है जिसकी वजह से अन्य सभी नेताओं व कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को अधिकारी गंभीरता से नही लेते है? ज्ञात हो कि विपक्ष में रहते कांग्रेसियों ने भाजपा सरकार पर अधिकारी राज हावी होने की बात कहते थे लेकिन सत्ता बदलने के बाद कांग्रेस राज्य में भी उसी अधिकारी राज हावी हो गया हैै। इस बात का संकेत सरकार द्वारा जारी पत्र दे रहा है जिसमें जनप्रतिनिधियों का सम्मान करते हुए उनके पत्रों का समुचित उत्तर देने को बार बार कहना पड़ रहा है।
——————