महंगाई की तरह ही विधानसभा चुनाव तक कोरोना संक्रमण का मुद्दा भी हुआ गायब
रविवार को पौने तीन लाख तक पहुंचा संक्रमण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सभाओं में क्या कोरोना संक्रमण नही फैलता है, यह सवाल इसलिए अहम है क्योकि देश में कोरेाना संक्रमण की रफ्तार को रोक पाने में मोदी सरकार धरातल मेें कामयाब नही हो रही है इसके बाद भी प्रधानमंत्री पश्चिम बंगाल की चुनावी सभाओं में व्यस्त है। राहुल गांधी ने अपनी सभाओं से कोरोना संक्रमण के बढऩे की संभावनाओं को देखते हुए सभाओ को रद्द कर दिया है। सवाल यह है कि जिस तरह से मोदी सरकार में महंगाई राष्ट्रभक्त बन गयी है क्या उसी तरह ही कोरोना संक्रमण भी मोदी की सभाओं से क्या दूर रहता है, क्योकि देश में प्रतिदिन कोरोना संक्रमण का आंकड़ा पौने तीन लाख तक पहुंच गया है, और बंगाल में साढ़े आठ हजार तक पहुंच गया है।
दुनिया में सबसे तेजी से कोरोना संक्रमण देश में फैल रहा है, इसके बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पश्चिम बंगाल की चुनावी सभाओं को रद्द नही किये जाने से सवाल गहराने लगा है कि जिस तरह से मोदी सरकार में महंगाई राष्ट्रभक्त बन गयी है, क्या कोरेाना संक्रमण भी मोदी जी की सभाओं में जाने से परहेज करता है, जिसकी वजह से बढ़ते कोरेाना संक्रमण के बीच भी प्रधानमंत्री ने अपनी सभाओं को जारी रख कर पश्चिम बंगाल व देश दुनिया की जनता को यह संदेश दे रहे है कि उनकी सभाओं के अतिरिक्त अन्य राजनीतिक सभाओं में कोरोना संक्रमण फैल सकता है इसलिए वह देश की जनता से मास्क व दो गज की दूरी का पालन करने की अपील करते हुए नजर आते है, कोरोना को लेकर बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है,इसके बाद भी कोरोना संक्रमण पर लगाम नही लगी है। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मोदी सरकार में जैसे महंगाई कोई मुद्दा नही रहा वैसे ही पश्चिम बंगाल चुनाव तक देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण कोई मुद्दा नही रहेगा। चुनाव खत्म होने के बाद ही कोरोना संक्रमण से आर पार की लड़ाई की घोषणा मोदी जी करेगें।
प्रधानमंत्री के दोहरे मापदंड से, कोरोना की लड़ाई हो रही कमजोर