May 1, 2025

चपका विवाद पर कांग्रेसियों ने साधा मौन?

विपक्ष हुआ हमलावार,
जनसुनवाई में कई बड़े कांग्रेसी नेता मौजूद थे

चपका में गोपाल इंड्रस्ट्री का प्रस्तावित स्पंज आयरन प्लांट की जनसुनवाई कोरेाना काल में आयोजित किये जाने को लेकर राजनीति गर्माने लगी है। प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के पूर्व मंंत्री केदार कश्यप के साथ ही जनता कांग्रेसी जोगी के नेता अमित जोगी व शिवसेना के अरूण पांडे ने भी राज्य की कांगे्रेस सरकार को कटघरे मे खड़ा किया है कि कोरोना संक्रमण के चलते क्षेत्र में धारा 144 लागू के बाद कैसे जनसुनवाई का आयोजन किया गया। इस मामले पर अभी तक कांग्रेसी नेताओं का बयान नही आया है जबकि जनसुनवाई के दौरान कई कांग्रेसी नेता मौजूद थे जिनकों ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा था।
कोरोना की दूसरी लहर के बीच भी बस्तर में राजनीति सरगर्मी तेज है। चपका में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच राज्य सरकार के द्वारा जनसुनवाई का आयोजन कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गया है। इस मामले पर जहां प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के पूर्व मंत्री केदार कश्यप ने कांग्रेस सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिले में कोरोना संक्रमण रोकने में असफल कांग्रेस सरकार पिछले दरवाजे से स्पंज आयरन प्लांट के लिए जनसुनवाई का आयोजन करके साबित कर दिया कि कोरोना से ज्यादा प्राथमिकता स्पंज आयरन की जनसुनवाई है। इस मामले पर जनता कांग्रेस के नेता अमित जोगी ने भी राज्य सरकार को घेराने से नही चुके कि धारा 144 के साथ ही पांचवी अनुसूची , पेशा कानून की पूरी तरह से अनदेखी की गयी है। स्पंज आयरन की जनसुनवाई के मामले पर विपक्ष बेहद आक्रामक रूप अपनाये हुए है जबकि इस मामले पर कांग्रसी नेता पूरी तरह से मौन साधे हुए है अभी तक चपका विवाद में किसी भी कांग्रेसी नेता का बयान नही आना साबित करता है कि कांग्रेस की चपका जनसुनवाई में भारी फजीहत हुई है, कांग्रेसियों को बचाव का कोई रास्ता नही नजर आ रहा है इसलिए मौन साध लिया है। गौरतलब है कि जनसुनवाई विवाद के दूसरे दिन में जिला प्रशासन के द्वारा 15 से 22 अप्रैल तक लॉकडाउन की घोषणा किया जाना इस बात का प्रमाण है कि क्षेत्र में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए किये गये सभी प्रयास असफल साबित हुए है, लेकिन बढ़ते संक्रमण के बीच जनसुनवाई का आयोजन करके सरकार ने ही भीड़ जमा करके कोरेाना फैलाने का प्रयास किया। एक तरफ जिला प्रशासन द्वारा उस वक्त 50लोगों को शादी व अंतिम यात्रा में जाने का नियम बनाया था लेकिन चपका जनसुनवाई में बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ जमा की गयी थी।

आपदा को अवसर बनाने में हर कोई लगा है!

बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच जनसुनवाई का आयोजन?

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