मालवाहक वाहनों में सवारी भी ढोई जाती है? इटावा में ट्रक के गिरने से 11 लोगों की हुई मौत
योगी के रामराज्य में शराब पीकर वाहन चलाने पर विगत चार सालों में रोक नही लगायी जा सकी है, जिसकी वजह से इटावा में ट्रक के असंतुलित होकर पटलने में 11 श्रद्धालुओ की मौत नही होती। योगी के रामराज्य में उत्तर प्रदेश में कब तक माल ढोने वालें वाहनों पर सवारी व वाहन को शराब पीकर चलाने का सिलसिला जारी रहेगा यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब सिर्फ योगी सरकार ही दी सकती है?
उत्तरपदेश के इटावा मेें श्रद्धालुओं को लखना देवी मंदिर दर्शन करने जाते वक्त ट्रक अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया, इस घटना में 11 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी वही 43 लोग घायल हो गये। बताया जाता है कि ट्रक ड्राइवर नशे में था। योगी सरकार इस हादसे में मारे गये लोगों को 2-2 लाख की आर्थिक सहायता राशि देने की घोषणा की है, लेकिन सवाल यह है कि योगी के रामराज्य में माल वाहक वाहनों में लोगों को लाने – लेजाने के साथ ही चालक के द्वारा शराब के नशे में वाहन चलाने वालों पर रोक नही लगायी जा सकी है। जिसकी वजह से आये दिनों सड़क हादसे होते रहते है। योगी सरकार का कहना हेै कि उनके राज्य में अपराधी या तो जेल में या फिर उनका एंकाउंटर होता है, लेकिन शराब पीकर वाहन चला कर निर्दोष लोगोंं को मौत के घाट उतारने वालों को योगी सरकार में सजा का कोई प्रावधान नही हेै जिसकी वजह से नशे में वाहन चालने के कारण 11 लोगो की मौत हो गयी। सड़क हादसे में मरने वालों में भारत पहले ही दुनिया में पहले स्थान पर है, इसमे योगी सरकार का भी अहम योगदान है, क्योकि योगी के रामराज्य में शराब पीकर वाहन चलाने का सिलसिला जारी है। देश के दूसरे राज्यों में भी मालवाहकों में लोगों के ढोने की परंपरा के साथ ही शराब पीकर वाहन चलाने का रिवाज कायम है, लेकिन योगी सरकार उत्तरप्रदेश में रामराज्य लाने की बात करती है इसलिए सवाल तो उठता है कि रामराज्य में शराब पीकर वाहन चलाने की परंपरा कब तक चलती रहेगी?