April 29, 2025

कांग्रेस सरकार की गलती को नही दोहराना चाहती है भाजपा सरकार

कांग्रेस सरकार में सोलर लाइट खरीदी में हुए गोलमाल की होगी जांच

जगदलपुर।कांग्रेस सरकार में सोलर लाइट खरीदी में हुए गोलमाल के दोषियोंं पर क्या कार्यवाही होगी? यह सवाल इसलिए अहम है क्योकि कांग्रेस सरकार में भी कोंडागांव के तत्कालीन विधायक मोहन मरकाम ने भी कोंडागांव मेंं हुए इस गोलमाल का मुद्दा विधानसभा में उठाया था जिसके लिए जांच दल का भी गठन किये जाने के बाद भी जांच नही हो सकी थी, इस बार भी कोंडागांव विधायक सुश्री लता उसेंडी ने यह मुद्दा उठाया है पूर्व ही तरह ही जांच समिति का गठन भी किया गया है, भाजपा सरकार इस गोलमाल में किसे दोषी पाती है यह भी एक बड़ा सवाल है, क्योकि भाजपा ने कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बनाया था इसलिए इस गोलमाल मेें अधिकारियों के साथ ही क्या कांग्रेसी नेताओं की हिस्सेदारी को साबित करने में सफल हो जाती है तो निश्चित ही उनके आरोपों को मजबूती मिलेगी कि कांग्रेस सरकार भ्रष्ट थी।
कांग्रेस ने भाजपा के 15 साल के भ्रष्टाचार को चुनावी मुद्दा बना कर छत्तीसगढ़ में पहला चुनाव जीत कर सरकार में आई लेकिन पांच सालों में भाजपा सरकार के कितने भ्रष्टाचारों की जांच की यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब कांग्रेसी देने से बचते नजर आते है। लेकिन संभवत: भाजपा सरकार कांग्रेस सरकार की तरह गलती नही करेगी, इसलिए कांग्रेस सरकार में सोलर लाइट खरीदी में हुए गोलमाल का मुद्दा कोंडागांव विधायक लता उसेंडी ने उठा कर कांग्रेस सरकार में हुुए भ्रष्टाचार को सार्वजनिक करने का प्रयास किया। जिस पर मंत्री रामविचार नेताम ने वर्ष 2021 से 2024 के बीच हुई खरीदी की जांच कराने की घोषणा की है। जांच में इस गोलमाल का दोषी कौन है इसका पता क्या चल पायेगा और यह जांच कब तक पूरी होगी? भाजपा के नेता कांग्रेस सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते रहे है इसलिए क्या इस गोलमाल के पीछे किसी कांग्रेसी नेताओं का हाथ है यह जांच दल साबित कर पायेगा? क्योकि ऐसा माना जाता है कि अधिकारी मंत्री व नेताओं के शह पर ही भ्रष्टाचार करते है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भाजपा अगर सोलर लाइट खरीदी मामले की जांच करके कांग्रेस सरकार में हुए इस भ्रष्टाचार के दोषियों को सजा दिलाने में कामयाब हो जाती है तो निश्चित ही एक बड़ी उपलब्धि होगी, क्योकि कांग्रेस सरकार भाजपा का कोई भी भ्रष्टाचार साबित करने में पांच सालों में सफल नही हो सकी थी।

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