यूसीसी में आदिवासियों को बाहर रखने पर विचार करना इसका जीता जागता प्रमाण
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी का समान नागरिक संहिता को लेकर कहना है कि आदिवासी क्षेत्रों के साथ ही पूर्वोत्तर क्षेत्र को इससे बाहर रखने पर विचार चल रहा है, इससे यह सवाल गहराने लगा है कि क्या भाजपा आदिवासियों को हिन्दू नही मानती है? क्योकि बस्तर सहित विभिन्न जगहों पर बहुत से आदिवासी नेता आदिवासी हिन्दू नही है की बात कहते रहे है, जिस पर भाजपा नेता सवाल उठाते रहे है।
समान नागरिक संहिता को लेकर भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी का यह कथन कि पूर्वोत्तर और देश के आदिवासी क्षेत्र को इससे बाहर करने का विचार किया जा रहा है, जिसके चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक देश एक कानून के सपने पर खतरा मंडराने के साथ ही यह सवाल भी उठने लगेगा कि भाजपा आदिवासियों को हिन्दू नही मानती इसीलिए उसे समान नागरिक संहिता से बाहर रखने के बारे में विचार कर रही है कि उनकी संस्कृति हिन्दू संस्कृति से अलग है। समान नागरिक संहिता देश में इसीलिए लाई जा रही है कि एक घर में दो कानून ना रहे जिसके लिए लम्बे समय से मेहनत की जा रही है, लेकिन मोदी सरकार आजादी के अमृत महोत्सव पर यूसीसी का कानून लाने के बाद भी अगर आदिवासी व पूर्वोत्तर राज्यों को अलग रखने जा रही है तो स्पष्ट है कि भाजपा आदिवासी संस्कृति को हिन्दू संस्कृति से पूरी तरह से अलग मानती है, जिस बात का उल्लेख आदिवासी नेता भी करते रहते है कि आदिवासी हिन्दू नही है, जिसे भाजपा ने समान नागरिक संहिता लागू करने के दौरान साबित कर दिया ।