एक देश एक कानून का नारा धारा 370 खत्म होने के बाद दम तोड़ रहा है
एक देश एक कानून की वकालत करने वाली भाजपा गुजरात चुनाव जीतने के लिए पड़ोसी देशों से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का फैसला लेकर स्पष्ट संदेश दिया है कि एक देश एक कानून सिर्फ धारा 370 हटाने तक ही सीमित है इसके अलावा इस नारे की कोई भी उपयोगिता नही है। मोदी सरकार ने सीएए कानून एक साथ पूरे देश में लागू करने की जगह गुजरात के दो जिलों में लागू करके गुजरात चुनाव को हिन्दू मुस्लिम में तब्दिल करने का प्रयास किया है क्योकि सीएए का सर्वाधिक विरोध मुसलमानों ने किया था।
गुजरात मॉडल पर किसी भी प्रकार का कोई सवाल ना उठे इसके लिए जरूरी है कि भाजपा गुजरात में इस बार भी सरकार बनाये, लेकिन आम आदमी का दिल्ली मॉडल, गुजरात मॉडल पर भारी पडऩे से जहां भाजपा ने आनन फानन में सामान नागरिक संहिता लागू करने की बात करके अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव को हिन्दू मुस्लिम में तब्दिल करने का प्रयास किया, वही दूसरी तरफ अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश देशों से आए हिन्दुओं,सिखों, बौद्ध, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को अल्पसंख्यकों को गुजरात के दो जिले आणंद और मेहसाणा मेें भारतीय नागरिकता देने का फैसला लिया है , गौरतलब है कि मोदी सरकार के द्वारा लाये गये सीएए कानून का मुस्लिम समुदायों के द्वारा विरोध किया गया था, जिसकों लेकर भी जम कर राजनीति हुई थी, परंतु यह कानून पूरे देश में एक साथ लागू करने की जगह राजनीतिक फायदे के लिए इसे गुजरात में लागू करके कही ना कही चुनाव का धुर्वीकरण करने का प्रयास किया है। हिन्दुत्व भाजपा का कोर मुद्दा है जिसके सहारे वह चुनाव जीतने में कामयाब हो रही है, गुजरात में भी इसी मुद्दे को भाजपा अपना प्रमुख हथियार बना रही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोरबी में गुजरात सरकार की अव्यवस्था के चलते पूल गिरने से हुई लगभग 150 लोगों की मौत ने कही ना कही भाजपा की धुर्वीकरण की राजनीति की हवा निकाल करके रख दी है। इसके पूर्व आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने भी नोट में भगवान लक्ष्मी और गणेश की फोटो लगाने की मांग करके भाजपा के हिन्दुत्व की राजनीति पर सेंधमारी करने की वजह से भाजपा आम आदमी पार्टी को कांग्रेस क तरह मुस्लिम समर्थक बता कर चुनाव को धुर्वीकरण नही कर पायेगा? जिसके चलते गुजरात सरकार बेहद रोमांचक हो गया है।