राजनीतिक पार्टी के नेता स्वतंत्र नही होते है, हसदेव जंगल की कटाई में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव की चुप्पी यही संदेश दे रही है
हसदेव जंगल की कटाई चुनावी वर्ष में शुरू होने का नुक्सान कांग्रेस पार्टी को विधानसभा चुनाव में उठाना पड़ सकता है क्योकि जंगल की कटाई को लेकर पूर्व में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा था कि गोली चली तो पहली गोली मुझे लगेगी, जिसने जमकर राजनीतिक सुर्खियां बटोरी थी, जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि बाबा साहब का बयान आया है कि पहली गोली मुझे लगेगी। गोली चलाने की नौबत ही नही आएगी, जो गोली चलाएगा पहले उन पर ही गोली चल जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि बाबा नही चाहेंगे तो पेड़ तो क्या एक डंगाल भी नही कटेगी। दिल को छू लेने वाली इस बयानबांजी के कुछ महीनों के बाद हसदेव अरण्य में पेड़ों को कटाई फिर से शुरू होने से निश्चित ही कांग्रेसी नेताओं की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे है कि वह बोलते कुछ है और करते कुछ और है। यह जरूर है कि भाजपा भी हदसेव जंगल की कटाई का मजबूती से विरोध करके ग्रामीणों के बीच अपनी जगह बनाने का प्रयास इसलिए नही करेगी क्योकि वह मोदी सरकार से हरदेव जंगल की कटाई रोकने की मांग नही कर सकती है।
भाजपाई भी विरोध की खानापूर्ति कर रहे है
हसदेव जंगल की कटाई फिर से शुरू होने से पर्यावरण को जो नुक्सान होगा वह तो होगा ही लेकिन कांग्रेस को भी भारी नुक्सान उठाना पड़ सकता है क्योकि हसदेव जंगल की कटाई को लेकर कांग्रेसी नेताओं ने जिस तरह से बयानबांजी पहले की है उससे जनता को बीच अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे कि कांग्रेसी नेताओं को पर्यावरण के लिए काफी चिंता है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव हसदेव जंगल की कटाई का विरोध कर रहे ग्रामीणों का समर्थन करते हुए उनका उत्साह बढ़ाने के लिए कहा कि गोली चली तो पहली गोली मुझे लगेगी, जिसके बाद राज्य का राजनीतिक पारा गर्माने लगा कि हसदेव जंगल की कटाई में कांग्रेसियों में ही सहमति नही है। विवाद को बढ़ता देखकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस विवाद का पटाक्षेप करते हुए कहा कि बाबा साहब नही चाहते है तो पेड़ तो क्या एक डंगाल भी नही कटेगी, लेकिन कुछ महीने के बाद हसदेव जंगल मे कड़ी सुरक्षा के बीच पहले चरण में 45 हेक्टेयर के जंगल की कटाई शुरू हो गई है, यहां पर कुल दो लाख पेड़ काटे जाने है, लेकिन स्वास्ध्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कोई भी बयान नही आने से लोग सवाल कर रहे है कि क्या स्वस्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने जंगल कटाई के मामले पर पाला बदल लिया है। सवाल यह हे जब राजनीति में नेता स्वतंत्र नही है तो फिर जनता के सामने लम्बे लम्बे वादे करके क्यों जनता को गुमराह करने का प्रयास करते है। भाजपा भी इस मामले पर विरोध की खानापूर्ति से ज्यादा कुछ नही कर सकती है क्योकि भाजपा नेता मोदी सरकार से जंगल की कटाई रोकने की अपील तक नही कर सकते है। क्योकि हर कोई जानता है कि केंद्र व राज्य सरकार की सहमति से यह कटाई हो रही है।
राहुल गांधी छत्तीसगढ़ की जनता को बतायेगें कि हसदेव जंगल कटाई में राज्य सरकार मोदी सरकार के साथ क्यों खड़ी है
कांग्रेसी मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते है लेकिन हसदेव जंगल की कटाई के मामले पर राज्य सरकार और केेंद्र सरकार की सहमति बन जाना स्पष्ट करता है कि उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने के मामले पर कांग्रेस सरकार और भाजपा सरकार में कोई अंतर नही है। राहुल गांधी मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहते है कि देश को दो लोग बेच रहे है और दो खरीद रहे है, लेकिन हसदेव जंगल की कटाई में अडाणी की मदद कांग्रेस सरकार भी कर रही है। राज्य व केंद्र में अलग अलग सरकार होने से जनता के हितों की आवाज सुने जान की ज्यादा संभावनाएं रहती है, लेकिन हसदेव जंगल की कटाई के मामले पर ऐसा बिलकुल भी नही दिखाई पड़ रहा है। सवाल यह है कि राहुल गांधी क्या हसदेव जंगल की कटाई पर छत्तीसगढ़ की जनता को बतायेगें कि हसदेव जंगल के मामले पर कांग्रेस सरकार मोदी सरकार के खिलाफ क्यों नही खड़ी हुई, कि जब तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रहेगी तब तक जंगल की कटाई नही होने दी जायेगी। इस घटना ने यह संकेत दे दिया कि नगरनार स्टील प्लांट के निजीकरण के मामले पर सिर्फ दिखाने की राजनीति हो रही हैे, कांग्रेस सरकार इसका निजीकरण होने से नही रोक पायेगी?