भाजपा ने ओवैसी की पार्टी को गुजरात में मुस्लिम वोटों पर पकड़ बनाने के लिए, क्या यह सब किया?
ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुसलिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का यह कहना पूरी तरह से सही है कि गुजरात चुनाव जीतने के लिए स्वतंत्रता दिवस के दिन गवर्नमेंट ऑफ इंडिया के सर्कुलर के खिलाफ जाकर गुजरात सरकार ने रेप के आरोपियों को छोड़ा है। भाजपा के इस मिशन को सफल बनाने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से ओवैसी की पार्टी की भी जरूरत है, क्योकि मुस्लिम वोट जो भाजपा को नही मिलने वाले है वह भाजपा को टक्कर देने वाली पार्टी को भी ना मिलकर किसी अन्य को मिले, ताकि चुनाव जीतने में आसानी हो सके। यूपी विधानसभा चुनाव में ओवैसी की पार्टी ने जरूर चुनाव नही जीता लेकिन भाजपा को जीताने में कोई कसर नही छोड़ी।
महंगाई और बेरोजगारी के बीच चुनाव जीतने का आसान रास्ता धु्रवीकरण ही है
लाल किले के प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महिला सशक्तिकरण को लेकर चिंतित नजर दिखे, और उसी दिन गुजरात सरकार ने गुजरात दंगों में बिलकिस बानों के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को छोड़ दिया, जिन्हें उम्रकैंद की सजा मिली हुई थी। गुजरात सरकार ने उन आरोपियों को रेमिशन पॉलिसी की तहत रिहा किया है, जिसमेें भाजपा विधायक के साथ ही गोधराकांड के सरकारी गवाह शामिल थे। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि गुजरात में होने वाले हर बड़े फैसले आज भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सहमति के बगैर नही होते है, इसलिए आजादी के अमृत महोत्सव पर बलात्कार के आरोपियों को छोड़ जाना गुजरात विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बनाई गई रणनीति का हिस्सा है। क्योकि बढ़ती मंहगाई और बेरोजगारी में चुनाव जीतने के लिए धु्रवीकरण की राजनीतिक एक प्रमुख हथियार बन गई है, उसकों धार को बनाये रखने के साथ ही मुस्लिम वोटों का रूझान एआईएमआईएम की तरफ बढ़े। यह पार्टी चुनाव जीत तो नही सकती है लेकिन मुस्लिम वोट अपने खाते में डाल कर भाजपा को जीत दिला सकती है। बंगाल को छोड़कर बिहार व यूपी में यह रणनीति काफी हद तक सफल भी साबित हुई है। मोदी सरकार भी असदुद्दीन ओवैसी को एक मजबूत मुस्लिम नेता के रूप के स्थापित करने की हर संभव कोशिश कर रही हैै, क्योकि धु्रवीकरण की राजनीति के लिए मुस्लिम नेता का होना भी बहुत जरूरी है। बिलकिस बानों को आजादी से राजनीतिक पारा गर्मायेगा, यह बात भाजपा के रणनीतिकार जानते थे, कांग्रेस के साथ साथ इस मामले पर ओवैसी भी गुजरात सरकार के फैसले पर सवाल उठा कर मुस्लिमों के दिलों में अपनी जगह बनाने का प्रयास करेंगें, और हुआ भी वैसा ही। भाजपा सरकार मुस्लिम महिलाओ के तीन तलाक पर कानून बनाने पर अपनी पीठ थपथपाई थी, लेकिन बिलकिस बानों के रेप आरोपियों की रिहाई पर भाजपाईयों को मुस्लिम महिलाओं की चिंता नही सता रही है। आरोपियों के रिहाई के बाद जिस तरह से उनका स्वागत किया गया, वह भी ध्रुवीकरण की राजनीति को एक मजबूत हिस्सा है, क्योकि गुजरात चुनाव के मद्देनजर हर हिन्दु मुस्लिम विवाद भाजपा के धु्रवीकरणा की राजनीति को मजबूती प्रदान कर रहा है, क्योकि गुजरात में अगर भाजपा की पकड़ कमजोर हुई तो देश में भी पकड़ कमजोर होने का खतरा बढ़ जायेगा इसलिए भाजपा चुनाव से बहुत पहले ही अपनी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
बीजेपी ने मुस्लिम महिलाओं का अपमान किया-ओवैसी
ओवैसी ने बिलकिस बानों की आरोपियों की रिहाई पर कहा कि प्रधानमंत्री जी ने देश की आजादी की 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर महिला सशक्तिकरण पर काफी बातें कही और उसी दिन गुजरात सरकार ने उस महिला को जिसकी 3 साल की बेटी का कत्ल कर दिया गया, जिसका 11 लोगों ने मिलकर बलात्कार किया, उसकी मांऔर परिवार के तीन और महिलाओं का रेप करने के बाद हत्या कर दी। उन लोगों को बीजेपी की सरकार अपने रेमिशन पॉलिसी के तहत रिहा कर दिया। तकलीफदेय बात ये है कि रेमिशन पॉलिसी की रिव्यू कमेटी में गोधरा कांड के सरकारी गवाह मूलजंदानी साहब के अलावा बीजेपी के दो विधायक थे। ओवैसी ने बताया कि गवर्नमेंट ऑफ इंडिया का एक नियम है जिसके मुताबिक रेप के आरोपियों को कभी भी 15 अगस्त के दिन नही छोड़ा जाना चाहिए, गुजरात सरकार ने इस सर्कुलर के खिलाफ फैसला लिया, दोषियों को सीबीआई की जांच पर सजा हुई थी तो क्या गुजरात की सरकार ने केंद्र सरकार से इस बात की इजाजत ली? गुजरात का चुनाव जीतने के लिए बीजेपी की सरकार ने पूरे देश की उन मुस्लिम महिलाओं का अपमान किया जिनका रेप हुआ है।