पुलिस द्वारा रोके जाने को उन्होंने भगवा का अपमान बताया
विधानसभा चुनाव में 80 बनाम 20 प्रतिशत की राजनीति करने वाले योगी सरकार में क्या भगवा का अपमान हो रहा है, यह सवाल स्वामी परमहंस आचार्य ने उठाया है, क्योकि लुलु मॉल जहां पर कुछ दिनों पूर्व नमाज अदा की गयी थी उसे मंत्रा पढ़कर शुद्ध करने जा रहे स्वामी परमहंस को यूपी पुलिस ने रोक दिया। पुलिस पर भड़कते हुए उन्होंने कहा कि दूर रहिये, भारत देश में ही भगवा का अपमान हो रहा है। उल्लेखनीय है कि भाजपा भगवा की राजनीति करती रही है लेकिन लुलु मॉल के खुलने के बाद पहली बार योगी सरकार हिन्दू संगठनों के निशाने पर है। पूर्व में भी अखिल भारतीय हिंदू महासभा व करणी सेना ने मॉल में सुंदरकांड व हनुमान चालीस पढऩे की कोशिश कर चुके है।
योगी सरकार को पहली बार करना पड़ रहा है हिन्दू संगठनों के विरोध का सामना
लुलु मॉल विवाद पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कुछ लोग मॉल को लेकर राजनीति का अड्डा बनाने, अनावश्यक बयानबांजी कर और उसने नाम पर प्रदर्शन करके लोगों के आवागमन को बाधित करने की कोशिश कर रहे है, अराजकता पैदा करने और सांप्रदायिक विद्धेष की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रहा है उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए, किसी की शरारत को स्वीकार नही यिका जायेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की चेतावनी को नजर अंदाज करते हुए स्वामी परमहंस आचार्य ने लुलु मॉल के अंदर प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके चलते पुलिस और उनके बीच विवाद भी हुआ, सोशल मीडिया में वायरल वीडियों में वह कह रहे है कि बिना इजाजत के मॉल के अंदर नमाज पढ़ी गई है, हम इस जगह को मंत्र पढ़कर शुद्ध करेंगें। उन्होंने पुलिसकर्मी पर भड़कते हुए कहा कि दूर रहिये, भारत देश में ही भगवा का अपमान हो रहा है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि भगवा की राजनीति करने वाली डबल इंजन वाली योगी सरकार लुलु मॉल के मामले पर पहली बार बैकफुट में नजर आ रही है, क्योकि हिन्दू संगठन से जुडे लोग लुलु मॉल के मालिक युसूफ अली और वहां पर नमाज पढऩे को लेकर योगी सरकार पर सवाल उठा रहे है, इस मामले पर भााजपाई नेता भी मौन साधे हुए है, अगर यही विवाद किसी गैर भाजपा शासित राज्य में हुआ होता तो भगवा व हिन्दू धर्म की चिंता में दुबले हो रहे होते। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के घर के सामने हनुमान चालीस का सांसद नवनीत राणा के द्वारा पढ़ा जाने के विवाद को अभी देश की जनता नही भूली है।