हिन्दुत्व की राजनीति करने वाली शिवसेना भाजप को गोद में बैठी
मुस्लिमों देशों के दवाब में आकर ताकतवर मोदी सरकार ने अपनी तेज तरार हिन्दुत्ववादी प्रवक्ता नूपुर शर्मा को भाजपा से 6 साल के निलंबित करने से भाजपा के हिन्दुत्व की राजनीति पर सवाल भाजपा के अंदर ही गहराने लगा, और मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ भाजपा नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करते रहें। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि नूपुर शर्मा के पार्टी से निलंबित किये जाने से जो हिन्दुत्व की राजनीति को नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई भाजपा ने हिन्दुत्व के मुद्दे पर ही शिवसेना में जबरदस्त सेंधमारी की है जो भाजपा के हिन्दुत्व पर समय सयम पर सवाल उठाती रही है। शिवसेना के भाजपा के गोद में बैठ जाने से हिन्दुत्व की राजनीति पर भाजपा की पकड़ नूपुर शर्मा के निलंबन के बाद भी मजबूत हो गयी है।
नूपुर शर्मा के निलंबन से हुए नुक्सान की भरपाई भाजपा ने शिवसेना को अपनी पाले में लाकर पूरा किया
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगबंर मोहम्मद पर की गयी विवादित टिप्पणी पर मोदी सरकार के द्वारा 10 दिनों पर विरोध के बाद भी कार्यवाही नही की, लेकिन जब सऊदी अरब के देशों ने भाजपा प्रवक्ता के बयान पर नाराजगी जाहिर की तो मोदी सरका ने आनन फानन में इस पूरे विवाद से पल्ला झाडऩे के लिए नूपुर शर्मा के बयान को शरारती तत्वों का बयान बताते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया। सवाल यह है कि मोदी सरकार को 10 दिनों तक इस बात का एहसास क्यों नही हुआ कि नूपुर शर्मा का दिया गया बयान शरारती तत्वोंंं का बयान है, अरब देशों की नाराजगी के बाद क्यों एहसास हुआ। नूपुर शर्मा के पार्र्टी के निलंबित करने के बाद भी भाजपा नेता नूपुर शर्मा के साथ खड़े नजर आये। मोदी सरकार के आठ सालों में पहली बार मोदी सरकार के फैसले के खिलाफ पार्टी के अंदर उथल पुथल मची, जिससे कही ना कही भाजपा के कट्टर हिन्दुत्व की राजनीति पर सवाल उठने लगे। राजनीतिक जानकारोंं का मानना है कि नूपुर शर्मा के पार्टी से निलंबन के बाद देश की जनता को यह संदेश देना जरूरी हो गया था कि भाजपा ही असली हिन्दुत्व की राजनीति करती है क्योकि शिवसेना समय समय पर भाजपा के हिन्दुत्व पर सवाल उठाती रही है, इसकी भरपाई के लिए भाजपा ने सुनियोजित तरीके से शिवसेना पर ऐसी जबरदस्त सेंधमारी की है कि ठाकरे परिवार ही शिवसेना से अलग थलक हो गया है। शिवसेना के भाजपा के गोद में बैठ जाने से भाजपा के हिन्दुत्व की राजनीति पर उठने वाले सवाल भी खत्म हो जायेगें, क्योकि शिवसेना की पहचान ही हिन्दुत्व की राजनीति की रही है। शिवसेना और भाजपा गठबंधन से हिन्दुत्व की राजनीति पर भाजपा का एकाधिकार हो गया है जो नूपुर शर्मा के निलंबन के बाद कुछ कमजोर हुआ था।