प्रयागराज में हिंसा के आरोप पर जावेद मोहम्मद का घर जहां तोड़ा गया, वही समर्थन करने पर पुलिस ने किया गिरफ्तार
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर की गयी विवादित टिप्पणी पर क्या गिरफ्तारी होगी? यह ऐसा सवाल है जो आम जनता के साथ ही राजनीतिक गलियारों में भी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योकि महाराष्ट्र, दिल्ली पुलिस के बाद अब पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी भाजपा प्रवक्ता के खिलाफ एफआईआर तो दर्ज की गई है लेकिन पूछताछ से आगे मामला नही बढ़ सका है, वही दूसरी तरफ भाजपा प्रवक्ता के विवादित बयान के चलते बीते शुक्रवार हुई हिंसा में योगी सरकार ने प्रयागराज हिंसा के आरोपी जावेद मोहम्मद का घर को दो दिनों में तोडऩे के साथ ही बड़ी संख्या में दोषियों को गिरफ्तार किया गया है, वही महाराष्ट्र में नूपुर शर्मा के बयान का सोशल मीडिया में समर्थन करने वाले साद अंसारी को गिरफ्तार किया गया है। जिससे सवाल गहराने लगा है कि जिसके बयान से हिंसा हुई उसकी गिरफ्तारी अभी तक नही हो सकी है लेकिन हिंसा करने वालों के साथ ही नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने वालों की सरकार गिरफ्तार करने में देरी नही कर रही है। ऐसे में कानून सब के लिए बराबर है यह सवाल गहराता है। गौरतलब है कि भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा और गौतम गंभीर ने भी नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन कर चुके है।
क्या हिन्दुत्व की राजनीति बाधा डाल रही है नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी पर?
मोदी सरकार में जिस तरह से देशवासी अच्छे दिन में उलझे हुए है, उसी तरह ही अब भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लेकर भी सवाल गहरा रहा है। भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर दिये गये विवादित बयान को भाजपा आलाकमान के साथ ही मोदी सरकार भी गलत मान रही है, इसलिए सऊदी अरब की नाराजगी के बाद भाजपा प्रवक्त के बयान को शरारती तत्वों का बयान बताते हुए पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित कर दिये जाने के बाद भी अभी तक एफआईआर ही दर्ज की जा रही है, गिरफ्तारी कब होगी इस पर रहस्य बरकरार है। जबकि उनके बयान से देश भर में तनाव की स्थिति पैदा होने के साथ ही उनकी गिरफ्तारी को लेकर बीते शुक्रवार देश भर में हिंसा हुई, जिसमें झारखंड में दो लोगों की मौत भी हो गयी। महाराष्ट्र के ठाणे में नूपुर शर्मा के बयान का समर्थन करने वाले 19 वर्षीय इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले साद अंसारी की गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने धार्मिक भावनाएं आहत हकरने के मामले पर यह गिरफ्तारी की है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि जिस तरह से नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी को लम्बा खीचा जा रहा है वह यही संदेश दे रहा है कि कोई भी सरकार इस मामले पर हाथ डालकर हिन्दू विरोधी नही बनना चाहती है, इसलिए धार्मिक भावनाएं के आहत के मामले पर कमजोर व एक विशेष धर्म से जूडे लोगों को पुलिस जिस ्रतेजी से गिरफ्तार कर रही है वैसी तेजी देश भर में नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में भी दिखाई नही दी है। भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा को लेकर भाजपा के अंदर चल रही खींचतान के चलते मोदी सरकार के अंतर्गत आने वाली दिल्ली पुलिस मोदी सरकार के द्वारा नूपुर शर्मा को पार्टी से निष्कासित व शरारती तत्वों का बयान बनाने के बाद भी एफआईआर तो दर्ज की है लेकिन कार्यवाही करने से बच रही है।