गौतम गंभीर को भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का दर्द तो दिखाई दे रहा है लेकिन प्रयागराज की परवीन फातिमा का दर्द नही
पूर्व क्रिकेटर व भाजपा सांसद गौतम गंभीर को भाजपा महिला प्रवक्ता नूपुर शर्मा का दर्द तो दिखाई दे रहा हेै लेकिन प्रयागराज में आनन फानन में योगी सरकार के द्वारा परवीन फातिमा का घर तोड़े जाने का दर्द नजर नही आना स्पष्ट करता है कि भाजपा नेताओं को सिर्फ अपने पार्टी के नेताओं का ही दर्द दिखाई देता है, और किसी का नही।
भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर की गयी विवादित टिप्पणी पर मोदी सरकार ने उन्हें शरारती तत्वों का बयान बताते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिये जाने पर किसी भी प्रकार का सवाल नही उठाने वाले गौतम गंभीर अब नुपूर शर्मा के समर्थन करते हुए दिखाई दे रहे है। उन्होंने नुपूर शर्मा को लेकर लिखा कि माफी मांग चुकी महिला के खिलाफ पूरे देश में नफरत है, उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है, इस पर तथाकथित धर्म निरपेक्ष उदारवादियों की चुप्पी बहरा कर देने वाली है।
हिन्दूवादी संगठन के मौन पर गौतम गंभीर ने साधी चुप्पी
पूर्व क्रिकेटर व भाजपा सांसद गौतम गंभीर को भाजपा प्रवक्त नूपुर शर्मा के विवादित बयान से शुक्रवार को हुई प्रयागराज में हिंसा के मुख्य आरोपी जावेद मोहम्मद के घर को योगी सरकार ने आनन फानन में तोड़ दिया जबकि यह मकान उनकी पत्नी परवीन फातिमा के नाम पर है, जो उनके पिता ने 20 साल पहले दिया था, इसके पूर्व कभी भी मकान के अवैध होने की जानकारी सरकार के द्वारा नही दी गयी थी इसके बाद भी योगी सरकार की कार्यवाही पर गौतम गंभीर ने हिन्दू वासी संगठन की चुप्पी पर किसी प्रकार का सवाल क्यो नही उठाया कि क्या इस गैरकानूनी कार्यवाही पर हिन्दूवादी संगठन बहरा हो गया है। ज्ञात हो कि यूपी में ही केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्र टैनी के इस्तीफे का बयान भाजपाईयों के यह कह कर किया था कि उनके बेटे आशीष मिश्रा के किसानों को कुचलने में पिता का कोई लेना देना नही है, तो फिर पति के जुर्म में पत्नि का कैसे लेना देना हो सकता है। गौरतलब है कि योगी सरकार की इस कार्यवाही का हिन्दूवादी संगठनों तारीफ कर रहे है, लेकिन गौरम गंभीर को महिला परवीन फातिमा व उनके परिवार वालों का दर्द नही दिखाई दे रहा है लेकिन भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का दर्द जरूर नजर आ रहा है।