ईडी और सीबीआई के कार्यवाही के बाद भाजपा नेता पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो रहे है
मोदी सरकार ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल करके विरोधी खेमें में दशहत पैदा करने की रणनीति कामयाब रही है, गुजरात में भी कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेशाध्यक्ष हार्दिक पटेल को भाजपा में लाने में सफल रहे है, जबकि भाजपा सरकार ने ही उनके खिलाफ मामले दर्ज किये थे। लेकिन बंगाल मेंं उनकी यह रणनीति भी उल्टी साबित हो रही है। मोदी सरकार की ईडी, सीबीआई की कार्यवाही के बाद भाजपा नेता पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल हो रहे है। टीएमसी सांसद अभिषेक का कहना है कि ईडी जितनी बार बुलाएगा उतनी बार भाजपा का कोई ना कोई नेता पार्टी छोड़कर तृणमूल में शामिल होगा। विगत दिनों बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्जुन सिंह ने भाजपा छोड़कर टीएमसी में शामिल हो गये है, अब उनके विधायक पुत्र पवन सिंह के भी टीएमसी में शामिल हेाने की बात कही जा रही है।
बंगाल की भाजपा की रणनीति हुई बूरी तरह हुई फेल
चीन की तरह बंगाल में भाजपा नेताओ के पलायन पर भी मोदी सरकार मौन
देश में मोदी सरकार की सबसे ज्यादा किरकिरी कही ना हो रही है तो वह है बंगाल में। देश में ताकतवर सरकार होने के बाद भी जिस तरह से चीन को लद्दाख क्षेत्र में मोदी सरकार पीछे ढकेल पाने में सफल नही हो रही है, वही दूसरी तरफ चीन अरूणाचल प्रदेश में भारतीय सीमा में एक्लेव बनाने में कामयाब रहा, लेकिन मोदी सरकार देश से जूडे इतने अहम मामले पर मौन साधे हुए है, कुछ उसी तरह ही विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली करारी हार के बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा के अंदर शुरू हुई भगदड़ को भी मोदी सरकार नही रोक पा रही है। जबकि टीएमसी के नेताओं पर दवाब बनाने के लिए सीबीआई और ईडी के तहत लगातार कार्यवाही की जा रही है इसके बाद भी बंगाल भाजपा में स्थिति बेहत्तर होने की जगह खराब होती जा रही है। आसनसोल के भाजपा सांसद बाबूल सुप्रियों के टीएमसी में शामिल होने के बाद बैरकपुर के भाजपा सांसद अर्र्जुन सिंह का भी टीएमसी में शामिल होना यही संकेत दे रहा है कि ताकतवर सरकार होने के बाद भी बंगाल में भाजपा के विधायकों व संासदों को एकजूट कर पाने में कामयाब नही हो पा रही है, क्योकि आधा दर्जन भाजपा विधायक भी पार्टी छोड़कर टीएससी में शामिल हो चुके है। टीएमसी सांसद अभिषेक का यह कहना है कि अगर उनकी पार्टी ने अपने दरवाजे खोल दिये तो राज्य में भाजपा साफ हो जाएगी, जो बताता है कि भाजपा की मुश्किलें अभी कम नही हुई है, । उन्होंने कहा कि ईडी जितनी बार बुलाएगा उतनी बार भाजपा का कोई ना कोई नेता पार्टी छोड़कर टीएमसी में शामिल होगा, ऐसे हालातों में मोदी सरकार पर एक अतिरिक्त दवाब बन गया है कि अगर वह टीएमसी सांसद अभिषेक को पूछताछ जारी रखी तो बंगाल में भाजपा के और सिकुुडऩे का खतरा बड़ जायेगा। उन्होंने नाम लिये बगैर विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी को घेरते हुए कहा कि एक नेता ने ईडी और सीबीआई से बचने क लिए पूर्व मेदिनीपुर को दिल्ली के हाथों बेच दिया हैं। जो साफ संदेश दे रहा है कि ईडी और सीबीआई का डर विपक्षी नेताओं पर कितना काम कर रहा है।