विदेश मुद्रा भंडार में छ: महीने में 28 .05 अरब डॉलर की कमी आयी
देश में ताकतवर मोदी सरकार होने के बाद भी विदेश मुद्रा भंडार में आरबीआई ने कमी दर्ज है? आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार विदेशी मुद्रा भंडार सितंबर 2021 के अंत में 635.36 अरब डॉलर था, छ: महीने में गिरकर 607.31 अरब डालर हो गया है। सवाल यह है कि मोदी सरकार में देश में राष्ट्रवाद व हिन्दुत्व के मजबूती होने का दावा के अलावा जमीनी स्तर पर कुछ और मजबूत हुआ है? क्येाकि रूपया सबसे निचले स्तर पर मोदी सरकार में आने के साथ ही एलपीजी के दाम एक हजार पार तो पेट्रेाल व डीजल के दाम सौ पार चल रहे है। चीन भारतीय सीमा में अतिक्रमण किये हुए है और पीछे हटने को तैयार नही है। बेरोजगारी का स्तर यह आ गया है कि लोग पकोड़ा तक में रोजगार की तलाश करने लगे है।
भारत विश्व गुरू बनने के आऊटर में खड़ा होने के बाद भी आबीआई की छमाही रिपोर्ट में विदेशी मुद्रा भंडार में 28.05 अरब डॉलर की कमी आने से सवाल गहराने लगा है कि देश में हिन्दू जाग जाने के बाद भी विदेश मुद्रा भंडार में इजाफा क्यों नही हो रहा है, रूपये की सेहत लगातार खतरा होती जा रही है, जिससे महंगाई और बढऩे की आशंका वक्त की जारी है। बाबा रामदेव महंगाई से मुक्ति पाने के लिए 18 घंटे काम करने की बात तो कह रहे है लेकिन दूसरी तरफ बेरोजगार रोजगार के लिए भटक रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार का फोकस राष्ट्रवाद व हिन्दुत्व को मजबूत करने में लगा होने के कारण अन्य समस्याओं पर ध्यान नही जा रहा है। विपक्ष जरूर इन मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा कर रहा है लेकिन मोदी सरकार को यह बात का एहसास है कि देश की जनता राष्ट्रवाद व हिन्दुत्व के मजबूती चाहती है इसके लिए वह मंहगाई को भी भूलाने को तैयार है, इसलिए चुनावों में महंगाईका मुद्दा गायब हो गया है।