कर्नाटक के तीन मुख्यमंत्रियों ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा मानने से इंकार किया
कन्नड़ फिल्म केजीएफ दो की अपार सफलता के बाद देश में राष्ट भाषा को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है। कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप ने कहा कि हिंदी अब राष्ट्रभाषा नहीं रही और बॉलीवुड पैन इंडिया फिल्में बना रहा है। जिसके जवाब में अजय देवगन ने कहा कि हिन्दी राष्ट्रभाषा थी और रहेगी । हिजाब विवाद के बाद दक्षिण भारत से एक बार फिर राष्टभाषा विवाद की शुरूआत हुई जो धीरे धीरे राष्ट्रीय मुद्दा बनता जा रहा है।
एक देश एक कानून का नारा देने वाली मोदी सरकार आठ सालों में एक देश एक राष्ट्रभाषा का नारे की आवाज अभी तक बुलंद नही करने के कारण हिन्दी राष्ट्रभाषा को लेकर सवाल गहराने लगा है। कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप और अजय देवगन की हिन्दी राष्ट्रभाषा को लेकर हुआ विवाद राजनीति विवाद में तब्दिल हो गया है। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि हिंदी भारत की राष्ट्रभाषा नहीं है, वह देश की अन्य भाषाओं की तरह है। वही सीएम बासवराज बोम्मई ने कहा कि किच्चा सुदीप ने जो कहा वह सही था, एक श्रेत्रीय भाषा को इतना महत्व क्यों। इस मामले पर अभी तक मोदी सरकार की तरफ से प्रतिक्रिया नही आयी है,और ना ही हिन्दी बैल्ड के किसी नेता का बयान आया है जिस तेजी से दक्षिण भारत के नेताओं का बयान आया है। एक देश एक चुनाव का नारा लगाने वाली मोदी सरकार को एक देश एक राष्ट्रभाषा को लेकर गंभीर होती तो निश्चित ही हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा बन गयी होती। मोदी सरकार कांग्रेस सरकार की गलतियों को सुधारने का दावा लम्बे समय से कर रही है लेकिन राष्ट्रभाषा के मामले पर कांग्रेस की गलती को आठ सालों में चर्चा करना भी जरूरी नही समझा, जो बताता है कि मोदी सरकार को राष्ट्रभाषा के मामले पर कांग्रेस की गलती ठीक लगती है इसलिए इस पर बोलने से हमेशा बचते है। जबकि गौहत्या के मामले पर खूल कर बोलते नजर आते है।
हिन्दी बैल्ट के नेता हिन्दी राष्ट्रभाषा पर क्यों है मौन ?
कन्नड़ अभिनेता किच्चा सुदीप ने कहा कि हिंदी अब राष्ट्रभाषा नही रही और बॉलीवुड पैन इंडिया फिल्में बना रहा है। जिस पर अजय देवगन ने कहा कि हिंदी राष्ट्रभाषा थी है और रहेगी। हिन्दी और कन्नड़ अभिनेताओं से शुरू हुआ विवाद पर सियासी पारा चढऩे लगा है। केंद्र की सत्ता में काबिज मोदी सरकार राष्ट्रभाषा के मामले पर धारा 370 हटाने की तरह गंभीर नही दिखाई दी, जो यही संकेत दे रहा है कि कांग्रेस की इस गलती को मोदी सरकार भी आगे बढ़ाना चाहती है, इस विवाद में पडकर दक्षिण भारत में सत्ता के रास्ते नही बंद करना चाहती है। भाजपा की हिन्दी क्षेत्रों पर पकड़ मजबूत होने के बाद भी मोदी सरकार के द्वारा राष्ट्रभाषा हिन्दी को नही बनाये जाने से कही ना कही मोदी सरकार के प्रति नाराजगी बढऩे का खतरा भी है। वही दूसरी तरफ कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी का कहना है कि देवगन को यह महसूस करना चाहिए कि कन्नड़ सिनेमा हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को पछाड़ रहा है। कन्नडियों के ही प्रोत्साहन से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री का विकास हुआ। उनका कहना है कि किच्चा सुदीप का यह कहना कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है बिल्कुल सही है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया का कहना है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा कभी नही थी और ना कभी होगी। देश की भाषा की विविधता का सम्मान करना हर भारतीय का कर्तव्य है। फिल्म मेकर रामगोपाल वर्मा का कहना है कि किच्चा सुदीप के इस सच को नकारा नही जा सकता है कि नॉर्थ स्टार्स साउथ के स्टार्स के सामने असुरक्षित महसूस कर रहे है, कन्नड़ डबिंग केजीएफ 2 ने ओपनिंग डे में 50 करोड़ की कमाई की थी।