मां नमक आपने नही मैंने खाया है आपका
कृषि बिल वापस लेने के लिए किसानों ने एक साल आंदोलन किया लेकिन यूपी विधानसभा चुनाव मेें जनता का मुड का अनुमान लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नमक खाने वालें बयान से पलटने में देरी नही की, उन्होंने अपने गलती सुधारते हुए कहा कि मै कई माताओं और बहनों से कहता हूं कि मां नमक आपने नहीं खाया है नमक तो आपका मैंने खाया है।
कृषि बिल वापसी में एक साल का वक्त लगने के कारण भाजपा की धु्रवीकरण की राजनीति को सबसे ज्यादा नुक्सान हुआ, राजनीतिक जानकारों का मानना है एक साल चले इस आंदोलन के चलते आम जनता को यह बात का एहसास हुआ कि धु्रवीकरण की राजनीति से ज्यादा अपनी समस्याओं पर ध्यान केंद्रीत करना है, जिसके चलते बंगाल में भाजपा की रह संभव कोशिश के बाद भी धु्रवीकरण की राजनीति पूरी तरह से फेल हो गयी, यूपी में भी गोदी मीडिया द्वारा हर संभव कोशिश के बाद भी जनता ने धर्म की राजनीति से ज्यादा अपनी समस्याओं पर फोकस किया है, जिसकी वजह से योगी सरकार परेशान है। जिसमें भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी विगत दिनों एक चुनावी सभा में जनता को भाजपा के पक्ष में करने के लिए बताया कि एक बूढ़ी मां का वीडिया देखा था जिसमें वह कह रही थी कि मैंने मोदी का नमक खाया। प्रधानमंत्री के इस बयान की विपक्ष के साथ ही आम जनता में भी काफी आलोचना हुई। संभवत: प्रधानमंत्री को कृषि बिल की तरह अपनी गलती का एहसास करने के लिए एक साल का वक्त ना लेकर अंतिम चरण के मतदान के पूर्व ही अपनी गलती को सुधारते हुए कहा कि मैं कई माताओं बहनों को कहता हॅंू कि मां नमक आपने नही खाया है , नमक तो आपका मैंने खाया है।
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जुबान फिसलने का सिलसिला जारी है
यूपी चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारकों की जुबान जिस तरह फिसलती दिखाई दी वह कही ना कही यही संदेश दे रहा है कि यूपी में जीत को लेकर वह पिछले विधानसभा चुनाव के तरह अस्वस्थ नही होने के कारण अतिरिक्त दवाब के चलते लगातार जूबान फिसलने का सिलसिला जारी है, जिसमें नमक खाने का बयान भी शामिल है। इसके पूर्व अमित शाह की जुबान भी कई बार फिलस चुकी है।