कांग्रेस विधायक ने अपनी ही पत्नी को 5 लाख का अनुदान दिला कर छत्तीसगढ़ मॉडल से देश को अवगत कराया
छत्तीसगढ़ मॉडल की, उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी बहुत चर्चा कर रहे है, सवाल यह है कि छत्तीसगढ़ मॉडल क्या है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योकि डोंगरगांव के कांग्रेसी विधायक दलेश्वर साहू ने गरीबों को मदद दी जाने वाली राशि में से 5 लाख रूपये अपनी ही धर्मपत्नी जय श्री को अनुदान के रूप में दिया है। गरीबों की मदद दी जाने वाली राशि को विधायकों द्वारा अपने ही परिवार में बांटना तो छत्तीसगढ़ मॉडल नही है, कांग्रेसियों को यह स्पष्ट करना चाहिए। भाजपा का आरोप है कि कांग्रेसी नेताओं ने गरीबो की जगह कांग्रेसियों को पैसा बांट रही है।
कांगे्रस की राजनीति में इन दिनों छत्तीसगढ़ मॉडल का मुद्दा छाया हुआ है, असम विधानसभा चुनाव के बाद यूपी चुनाव के दौरान भी छत्तीसगढ़ मॉडल की बहुत चर्चा हो रही है। सवाल यह है कि क्या कांग्रेसी यूपी की जनता को छत्तीसगढ़ मॉडल के बारे में समझापाने में कामयाब हो पायेगें? क्योकि डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू ने गरीबों को दी जाने वाली राशि में से 5 लाख रूपये अपने पत्नी जयश्री को अनुदान के रूप में दी है। जिसके बाद से छत्तीसगढ़ के कांग्रेसियों को स्वेच्छा अनुदानर की राशि दिलाने वाले मॉडल की चर्चा गर्म है। वायरल पत्र में 18 लोगों में 17 कांग्रेसी होने की बात भाजपाई कह रहे है , जिसमें सृजन फाउन्डेशन के नाम पर विधायक दलेश्वर साहू ने अपनी पत्नी जयरी साहू को मुख्यमंत्री स्वेच्छा अनुदरान से 5 लाख रूपए दिलाए है। इसके अलावा सूची में सोसायटी के अध्यक्ष से लेकर जनपद सदस्य और कांग्रेस के बड़े बड़े पदों में बैठे हुए है। सवाल यह है कि गरीबों को मिलने वाली राशि को सुनियोजित तरीके से अपने व अपने सार्थियों को वितरित करना ही छत्तीसगढ़ मॉडल है। जिसकी चर्चा कांग्रेसी नेता कर रहे है।
डोंगरगांव में गरीबों का पैसा कांग्रेसियों में बांटा गया
डोंगरगांव के विधायक दलेश्वर साहू का कहना है कि भाजपा मुद्दाविहीन है इसलिए कुछ भी अनर्गल आरोप लगा रही है। उन्होंनें कहा कि सृजन फाउन्डेशन संस्था का नाम स्पष्ट लिखा है तथा महिला सशक्तिकरण हेतु राशि दिये जाने का उल्लेख भी है। सवाल यह है कि अपने ही पत्नी को अनुदान दिलाने की जरूरत क्यों पड़ी? क्या विधानसभा क्षेत्र में कोई और महिला सशक्तिकरण का काम नही करती है? कांग्रेस लखीमपुर खीरी मामले पर आशीष मिश्रा के मामले पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का इस्तीफा मांग रही थी लेकिन छत्तीसगढ़ में विधायक द्वारा अपनी ही पत्नी की संस्था को 5 लाख का अनुदान को सही बताया जा रहा है।