नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रमुख राजीव मिश्रा ने अपनी किताब में इस बात को माना
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कमी के बीच गंगा में लाशों डाली जाने के मामले पर विपक्ष योगी सरकार को घेरता रहा, लेकिन योगी सरकार हमेशा इससे किनारा करती रही है, लेकिन स्वच्छ गंगा मिशन के प्रमुख राजीव रंजन मिश्रा की किताब ने देश की जनता को बताया कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा में लाशें डाली गयी थी। गंगा में लाश डालने की बात नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रमुख राजीव मिश्रा ने अपनी किताब गंगा: रीइमैजिनिंग रीजूवनेटिग रीकनेक्टिंग में लिखी है। किताब का एक पूरा हिस्सा इसी घटना पर केंद्रीत है। योगी सरकार ने ऑक्सीजन से एक भी मौत नही होने की बात कही है, जिस पर भी सवाल उठ रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि रामराज्य में क्या आंकडों को छुपाया जाता था जो योगी सरकार अपने रामराज्य में उसे छिपा रही है।
डबल इंजन सरकार का अनोखा कारनामा
योगी सरकार ने दावा किया है कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत नही हुई है जबकि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान यूपी से आक्सीजन की कमी के मामले से मौत की खबरें मीडिया में छाई हुई थी, अगर मीडिया योगी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही थी तो योगी सरकार को ऐसी मीडिया में कार्यवाही करनी चाहिए थी लेकिन ऐसा नही किया। कुछ इसी तरह का मामला गंगा में लाशों के बहने का भी था जिसे योगी सरकार ने अभी तक सार्वजनिक रूप से नही माना था। लेकिन नमामि गंगे कार्यक्रम के प्रमुख राजीव मिश्रा ने अपनी किताब में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान गंगा में लाश बहाने के मामले से पर्दा हटाने हुए लिखा है कि गंगा में डाली गई लाशों की संख्या हजारों में नही थी बल्कि तीन सौ से ज्यादा नही थी, महामारी की वजह से लाशों की संख्या बढऩे लगी तो जिला प्रशासन की तैयारी कमजोर पडऩे लगी क्योकि उत्तप्रदेश और बिहार के शवदाहगृहों और श्मशान घाटों में क्षमता से ज्यादा लाशें आने लगी, ऐसे में गंगा में लाशों को डालना आसान हो गया। मिश्रा ने बताया कि सभी मामला उत्तप्रदेश के ही थी और नदी के बिहार वालें हिस्सों में जो लाशें मिली थी वो उत्तरप्रदेश से बहकर वहां पहुंची थी। सभी लाशों को कन्नौज और बलिया के बीच गंगा में डाली गई थी।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि योगी सरकार ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत की बात कह करके अपनी पीठ थपथपा रही है लेकिन 31 दिसंबर को सेवानिवृत हो रहे राजीव मिश्रा ने अपनी किताब में गंगा में लाश के डालने के मामले की पृष्ठि कर दी है। जिससे अभी तक योगी सरकार ने ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नही हुए की तरह अड़ी हुई थी। मई में बिहार उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश में गंगा ही नही दूसरी नदियों में भी बहती हुई लाशें मिली थी। पश्चिम बंगाल में भी अलर्ट जारी किया गया था। बिहार के बक्सर में 81 शव मिलने के बाद हडकंप मच गयी, इस दौरान लोगों ने शवों को नदी किनारे रेत में भी दफनाया था।