काशी विश्वनाथ कॉरिडोर सपा सरकार में शुरू होने दावे का फैक्ट चैक भाजपा सरकार ने सार्वजनिक किया
यूपी विधानसभा चुनाव में धर्म की राजनीति किस कदर हावी हो गयी है कि सपा सांसद जया बच्चन के इस सवाल का जवाब भाजपा सरकार ने नही किया कि भगवान विश्वनाथ मंदिर की गली में तोड़ी गयी दुकानों व घरों को मुआवजा मिला या नही। लेकिन अखिलेश यादव के इस दावे कि काशी विश्वनाथ कॉरिडोर पूर्व की सपा सरकार के कार्यकाल में पास हुआ था उसकी भाजपा सरकार ने फैक्ट चैक रिपोर्ट जारी कर बताया कि काशी विश्वनाथ धाम के विकास को लेकर 2012 से 2017 के दौरान कैबिनेट में कोई चर्चा नही की गई। पूर्व की सपा सरकार के दौरान श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को लेकर प्रस्ताव पास होने का दावा पूर्णत: गलत है।
आम जनता के मुद्दे धर्म की पिच पर गायब हो रहे है
यूपी विधानसभा चुनाव के पूर्व काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के उद्घाटन के दौरान जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम आयोजित किया गया उसे देखते हुए राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव पूरी तरह से धर्म की पिच पर लड़ा जायेगा। जिसमें बेरोजगारी, महंगाई व मुआवजा के मुद्दे दम तोड़ देगें। ऐसा होता भी नजर आ रहा है, सपा सांसद जया बच्चन ने काशी विश्वनाथ मंदिर की गली में तोड़ी गयी दुकानों व घरों के साथ ही प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में चल रही विकास की अन्य परियोजनाओं में प्रभावित लोगों को मुआवजा दिया गया है या नही। योगी सरकार आम जनता से जुडे इस अहम मुद्दे का जवाब देेने की जगह सपा प्रमुख अखिलेश यादव के उस दावे का फैक्ट चैक सार्वजनिक कर दिया जिसमें उन्होंने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर योजना सपा सरकार में पास होने का दावा की थी। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संभवत: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास के देखकर सपा नेता अखिलेश यादव भी डर गये इसलिए उन्होंने इस योजना का भ्श्रेय लेने की कोशिश की, लेकिन यह दाव पूरी तरह से गलत पड़ गया और भाजपा ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाने में देरी नही की। सवाल यह है कि विपक्ष अगर भाजपा की धर्म की पिच में खेलने की कोशिश करेगा तो निश्चित ही उसे मात खानी पड़ेगी जैसे राहुल गांधी के हिन्दू और हिन्दुत्व के मुद्दे पर कांग्रेस ही कही ना कही कठघरे में खड़ी होती दिखाई दे रही है।