किसानों की चिंता करने वाली मोदी सरकार की जमीनी सच्चाई यह है
मोदी सरकार के पास कृषि बिल के खिलाफ विगत एक साल से जारी किसान आंदोलन के दौरान किसने किसानों की मौत हुई इसका कोई आंकड़ा नही है लेकिन किसान आंदोलन के चलते टोल का कितना नुक्सान हुआ इसकी जानकारी केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी ने राज्यसभा में दी, जो बताता है कि सरकार को मरने वालों से ज्यादा पैसा नुक्सान की चिंता है। इसके बाद भी भाजपा नेता दावा कर रहे है कि मोदी सरकार को किसानों की बहुत चिंता है।
राज्यसभा में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने राज्यसभा में बताया कि अक्टूबर 2020 में प्रदर्शनकारियों ने पंजाब में टोल प्लाजा को बंद करना शुरू किया था, जिसका असर हरियाणा और राजस्थान के कुछ हिस्सों में भी देखने को मिला। उन्होंने बताया कि किसान आंदोलन से 2731.32 करोड़ रूपये के टोल का नुक्सान हुआ। किसान आंदोलन के कारण नेशनल हाईवे पर 60 से 65 टोल प्लाजा प्रभावित हुए। जो बताता है कि सरकार को किसान आंदोलन से होने नुक्सान का पूरा आंकड़ा रखा गया, वही दूसरी तरफ किसान आंदोलन के चलते जान गंवाने वाले प्रर्दशनकारियों के स्वजनो को वित्तीय सहायता दिए जाने के संबंधित सवाल पर कृषि मंत्रालय ने कहा कि उनके पास इससे जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड नही है ऐसे में मुआवजा का सवाल ही नही उठता है। गौरतलब है कि किसान आंदोलन के दौरान किसानों की मौत की खबरें कोरोना मेंं आक्सीजन की कमी तरह मीडिया की सुर्खियों में छायी रहने के बाद भी सरकार ने किसी की मौत नही होने की बात कह करके सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है। वही किसान आंदोलन से जूडे नेता कृषि बिल वापसी के बाद भी लगातार किसान आंदोलन में शहीद हुए किसानों का मुद्दा उठाने के बाद भी सरकार के पास कोई आंकड़ा नही होना बताता है कि सरकार किसान आदंोलन की किसान आंदोलन में शहीद किसानों के मुआवजा की मांग नही पूरी करने वाली है, जिससे आने वाले समय में एक बार फिर किसान और सरकार आमने सामने आ सकते है जिसके चलते किसान आंदोलन के आगे बढऩे की पूरी संभावनाएं है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार किसानों के प्रति कितनी संवेदनशील है कि सरकार को किसान आंदोलन से कितना नुक्सान हुआ इसकी जानकारी है लेकिन किसान आंदोलन के दौरान कितने किसानों की मौत हुई इसका कोई भी आंकड़ा नही होना बताता है कि किसान आंदोलन में मोदी सरकार की प्राथमिकताएं क्या थी।