शिवराज सिंह चौहान की ढेड़ दशक पूरानी सरकार पर धर्मांतरण की चिंता सताई
मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चोैहान की ढेड़ दशक से अधिक समय से सरकार होने के बाद भी एनजोओ के द्वारा धर्मांतरण करा करके समाज को तोडऩे की कार्यवाही चल रही थी, और क्या सरकार इससे अंजाम थी? भाजपा सरकार धर्मांतरण को रोकने के लिए एक बार फिर कमर कस ली है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कलेक्टर, कमीश्रर,आई जी और एसपी की कॉन्फ्रेस में ऐसे एनजीओं को चिन्हित करने के निर्देश दिये जिन्हें फॉरेन फंडिग हो रही है। साथ ही उन्हें यह पता लगाने को कहा गया है कि इस फंड कहां और क्या उपयोग में खर्च किया जा रहा है। गौरतलब है कि लम्बे समय से धर्मांतरण का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में विवाद का विषय बनने के बाद भी शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने विदेशी फंडिग प्राप्त एनजीओ पर नजर रखने की कोई कोशिश क्यो नही की? अचानक सरकार को कैसे विदेश फंडिग और उससे धर्मांतरण पर चिंतित हो गयी? मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वैमनस्य फैलाने,समाज को तोडऩे का काम करने वाले, और धर्मांतरण करने वाले एनजीओ के लिए मध्यप्रदेश में जगह नही है। उन्हें हम यहां रहने नही देंगे। समाज तोडऩे में कई एनजीओ का भी हाथ है। ऐसे संगठनों का रिकॉर्ड तैयार किया जाए। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने भी आंतकवाद को रोकने के लिए भी कई एनजीओ पर लगाम लगायी थी, मोदी सरकार धर्मांतरण कराने के लिए अगर ऐसे एनजीओ पर भी प्रतिबंध लगा दे तो देश मेें धर्मांतरण को लेकर जो विवाद चल रहा है उस पर भी लगाम लग सकता है।