ताकतवर मोदी सरकार में चीन ने अरूणाचल प्रदेश में साढ़े चार किलोमीटर अंदर घूसी
अमेरिका भी यह कह रहा है कि चीन ने अरूणाचल प्रदेश में साढ़े चार किलोमीटर अंदर घूस आया है, इसके बाद भी मोदी सरकार चीन के भारतीय सीमा पर अतिक्रमण की बात को सिरे से खारिज कर रही है। जिससे आम जनता के दिलों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या अमेरिका भी मोदी सरकार की ताकतवर इमेज को नुक्सान पहुंचाने के लिए प्रोपोगेंडा चला रहा है विपक्षी दलों से मिल कर, इससे अमेरिका को क्या फायदा होने वाला है? चीन मामले पर भाजपा के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी भी बेबाकी से अपनी बात रख रहे है जिससे आम जनता के बीच मोदी सरकार की बातोंं पर विश्वास कम हो रहा है। लद्दाख से चीनी सेना की वापसी पर श्री स्वामी ने सवाल उठाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि कोई भी भारतीय सीमा पर नही घूसा है तो फिर चीनी सेना कहा से वापस हो रही है केंद्र सरकार को बताना चाहिए। विपक्षी दल कांग्रेस के साथ ही सेना से जूडे पत्रकारों का कहना है कि चीन ने लद्दाख सहित कई अन्य क्षेत्रों में अतिक्रमण करने की बात कहते रहे है, इसके बाद भी मोदी सरकार इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज करके अपनी ताकतवर इमेज बचाने में लगी हुई है। इस मामले पर अब अमेरिका की पेंटागन द्वारा जारी रिपोर्ट में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना 2021 से जुड़े सैन्य और सुरक्षा विकास इस बात की पृष्टि करता है कि अरूणाचल प्रदेश में चीन भारतीय सीमा में साढ़े चार किलोमीटर तक गहरी घूसपैठ करने के साथ ही वहां पर गांव भी बसा लिये है। जिनका उपयोग चीनी आबादी बढ़ाने के साथ ही सैनिक छवानी के रूप में भी कर रहा है। लगभग 101 संरचनाओं का निर्माण किया है जिसमें कुछ बहुमंजिला संरचनाएं भी शामिल है। जिसके बाद से एक बार फिर देश में चीनी अतिक्रमण के मुद्दे मोदी सरकार पर हमले तेज हो गये है।
अप्रैल 2020 वाली स्थिति कब लौटेगी
कांग्रेस ने एक बार फिर चीनी अतिक्रमण को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सबसे पहले चीन का दी गयी क्लीन चिट वापस लेने के साथ ही एक समयसीमा निर्धारित करनी चाहिए कि चीन के साथ हमारी सभी सीमाओं पर अप्रैल 2020 की यथास्थिति कब बहाल होगी?चाहे देपसांग हो, गोगरा हॉट स्प्रिंग हो या डीओबी सेक्टर या फिर अरूणाचल प्रदेश हो।
स्वामी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा
भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने अफगानिस्तान और भारत सरकार के बीच 10 नवंबर को होने वाली बैठक को पैसों की बर्बादी करार देते हुए कहा कि वर्तमान में मुख्य मुद्दा भारतीय क्षेत्र में चीनी कब्जे का है। 18 आमने-सामने बैठक के बाद भी यह मुद्दा अनसुलझा है, मोदी सरकार को सिर्फ एक ही बिन्दू पर ध्यान देना चाहिए कि किस तरह वह चीन को हमारे क्षेत्र से बाहर करेगा।