चिरमिरी की तरह ही बस्तर के नेता क्यो रेल सुविधाओं की बहाली की लड़ाई नही लड़ रहे है।
रेल सुविधाओं की लड़ाई लडऩे वाली कांग्रेस आज क्यो रेल सुविधाओं की लड़ाई से भागती नजर आ रही है
रेल विभाग द्वारा बस्तर को मिली रेल सुविधाओं के शोषण पर कांग्रेसी नेता पूरी तरह से मौन साधे हुए है, लेकिन चिरमिरी क्षेत्र के कांग्रेसी नेताओंं ने चिरमिरी से चलने वाली ट्रेनों को फिर से चालू करने के लिए सड़क की लड़ाई लडऩे के लिए कमर कस ली है। सवाल यह है कि बस्तर में कांग्रेसी बस्तरवासियों के रेल सुविधाओं में की गयी कटौती को लेकर कब सड़क की लड़ाई लड़ेगें?
महेंद्रगढ़ के कांग्रेसी विधायक डॉ विनय जायसवाल के नेतृत्व में चिरमिरी से चलने वाली 6 ट्रेनों के की सेवाएं दोबारा शुरू करने की मांग को लेकर विगत दिनों बड़ी संख्या में लोगों ने रेलवे ट्रेैक पर बैठकर विरोध दर्ज कराया है। विधायक डॅा, जायसवाल ने कहा कि ट्रेनें नही चलने पर कोयला परिवहन को बंद करने की चेतावनी दी है। कोतमा विधायक सुनील सराफ ने कहा कि भाजपा के नुमाइंदे केंद्र में बैठ कर गुणा -गणित लगा रहे है, वे बताये कि देश की आजादी में क्या किया, केवल हिन्दू मुस्लिम कर रहे है। शाहरूख खान के बेटे को पकड़ कर ब्राउन शुगर दिखा रहे है लेकिन पुलवामा में इतना बड़ा आरडीएक्स नहीं पकड़ सके थे। रेल विभाग ने जनप्रतिनिधियों के दवाब में कोरोना काल के बाद बिलासपुर चिरमिरी ट्रेन ही शुरू की है लेकिन अन्य ट्रेनों पर चुप्पी साधे हुए है। चिरमिरी की तरह ही बस्तर में भी कोरोना काल के बाद रेल विभाग रेल सुविधाओं के संचालन करने से किनारा कर रहा है। बस्तर की सबसे सफल रात्रिकालीन एक्सप्रेस का संचालन जहंा हफ्ता में दो दिन कर रहा हेै वही सम्लेश्वरी एक्सप्रेस को चार दिन चलने की घोषणा करने के बाद अभी तक यह ट्रेन नही चल सकी है, इसके बाद भी बस्तर में कांग्रेसी पूरी तरह से मौन साधे हुए है जैसे कुछ हुआ ही नही है। कांग्रेसी नेताओं की यह चुप्पी बस्तरवासियों के बीच चर्चा का विषय बनती जा रही है कि विपक्ष की जिम्मेदारी निभाने से क्यो कांग्रेसी नेता परहेज कर रहे है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि केंद्र में मोदी सरकार होने के बाद भी बस्तर में कांगे्रसी रेल सुविधाओं की लड़ाई भाजपाई की तरह लडऩे से बचते दिखाई दे रहे है। केंद्र में मोदी सरकार होने के कारण रेल के मामले पर भाजपा सिर्फ ज्ञापनों का सहारा ले रही है सड़क की लड़ाई लड़ करके मोदी सरकार के निशाने पर नही आना चाहती है लेकिन मोदी सरकार को कोसाने वाली कांग्रेसी नेता रेल मामले पर क्यो सड़क की लड़ाई लडऩे से बच रहे है यह बस्तरवासी के समझ में नही आ रहा है। जबकि बस्तर में रेल सुविधाओं की लड़ाई कांग्रेसियों ने ही शुरू की थी। चिरमिरी की तर्ज पर ही बस्तर में कांग्रेसी नेताओं द्वारा रेल विभाग को चेतावनी दी जा सकती हेै कि अगर रेल सुविधाएं बहाल नही हुई तो लौह अयस्क का परिवहन बंद कर दिया जायेगा, लेकिन नगरनार प्लांट केनिजीकरण की लड़ाई में यह धमकी दी गयी थी लेकिन रेल सुविधाओं के बहाली को लेकर अभी तक इस तरह की कोई चेतावनी नही दी गयी है। ज्ञात हो कि जगदलपुर दुुर्ग एक्सप्रेस मोदी सरकार में बगैर किसी हो हल्ला के बंद हो गयी है। इस ट्रेन को शुरू करने की मांग भी करना अब लोग भूल गये है।