भाजपा नेताओंं ने बढ़ाई योगी सरकार की मुश्किलें
किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर पीलीभीत के भाजपा सांसद वरूण गंाधी ने मोदी सरकार के साथ ही योगी सरकार को घेरने का कोई भी मौका नही छोड़ते है, उन्होंने एक बार फिर मोदी सरकार से कृषि नीति पर पुनर्चितन की सबसे बड़ी जरूरत बताते हुए ट्वीट किया कि उत्तरप्रदेश के किसान समोध सिंह 15 दिनोंं से अपना धान मिल मारे मारे फिरते रहे, जब धान नही बिका तो किसान ने स्वयं उसमें आग लगा दी। विधानसभा चुनाव के पूर्व वरूण गांधी के यह बगावती तेवर योगी सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले है। किसान आंदोलन के चलते योगी सरकार पहले ही परेशान है।
किसान मुद्दे पर भाजपा के अधिकांश सांसद मौन साधे हुए है लेकिन मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक खूल कर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए एमएसपी को कानूनी दर्जा देने की मांग कर रहे है वही पीलीभीत के सांसद वरूण गांधी भी किसानोंं के मुद्दे पर बेबाकी बयान बांजी मोदी सरकार व योगी सरकार की परेशानियों को बढ़ा रही है। उन्होंने मुजफ्फरनगर में कृषि कानूनों के विरोध में हुए महापंचायत के दौरान किसानों को अपना खून बताते हुए उनकी समस्याओं को सुनने व निराकरण की मंाग की थी, वही अमरिया के बढ़ापुरा गुरूद्वारा मेंं कृषि बिल के आंदोलन में मारे गये किसानों को शहीद बताने के साथ ही लमीखपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद उन्होंनें योगी सरकार से मृतकों को आश्रितों को एक करोड़ रूपये का मुआवजा व सीबीआई जांच की मांग की थी। गन्ना का समर्थन मूल्य 25 रूपये बढ़ाये जाने पर भी योगी सरकार पर सवाल खड़ा किया था कि गन्ने का दाम 400 रूपये प्रति क्विंटल किया जाना चाहिए।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि किसान के मुद्दे पर मोदी व योगी सरकार को विपक्ष के साथ ही अब अपने ही पार्टी के नेताओं के साथ ही लडऩा पड़ रहा है, क्योकि उत्तरप्रदेश से जूडे सत्यपाल मलिक व वरूण गांधी किसान के मुुद्दे पर मोदी सरकार के साथ खड़ा ना होकर किसानों के साथ खड़े नजर आ रहे है।