मोदी सरकार के इस निर्णय से देश की जनता में बैंकों के प्रति विश्वास बढ़ेगा
पंजाब एंड महाराष्ट्र बैक के डूबने के बाद, ग्राहकों की समस्या को देखते हुए राशि बढ़ायी
मोदी सरकार ने देश की जनता में बैंक डूबने पर एक लाख की जगह अब पांच लाख रूपये वह भी तीन महीने के अंदर दिये जाने की योजना बनायी हैं। मोदी सरकार की इस नयी योजना का बैंक डूबने से प्रभावित लोगों को ज्यादा रकम देने का प्रयास किया गया है, जो काम पूर्व की सरकारों के द्वारा नही किया गया था, जिससे भी जनता में नाराजगी थी। पूर्व की सरकारों आम जनता का अधिक से अधिक शोषण करने के लिए बैंक डूबने पर सिर्फ एक लाख रूपये ही देती थी और शेष रकम को बैंक साथ मिल जूल कर खा जाती है, मोदी सरकार ने इस पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए जनता को ज्यादा से ज्यादा लाभ पहुंचने के उद्देश्य से इस योजना में बदलाव करके एक लाख की जगह पांच लाख रूपये किया है, जिससे जनता में खुशी की लहर दिखाई दे रही है। इस योजना के लागू होने से बैंक मेें अपनी जीतनी भी रकम हो लेकिन बैंक डूबने पर पांच लाख रूपये तीन महीने में लिए जायेगें, ताकि जीवन यापन में किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना आये। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मोदी सरकार की इस नयी रणनीति से देश की जनता में बैंको के प्रति विश्वास पैदा होगा, क्योकि पूर्व में एक लाख रूपये ही डूबने पर मिलने की वजह से लोगों मेें बैंको में विश्वास नही था वही मंहगाई के इस दौर में बैंक डूबने पर सिर्फ एक लाख में कैसे गुजारा किया जा सकता है, इन सभी समस्याओं को देखते हुए नयी योजना लायी गयी है ताकि आम जनता को बैंक के प्रति विश्वास भी पैदा होगा क्योकि बैंक डूबने पर पांच लाख की रकम तीन महीने में में मिलने का नया विश्वास मोदी सरकार ने पैदा किया है । मोदी सरकार ने पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव बैंक के 2020 में डूबने के बाद ग्राहकों को हुई मुश्किलों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।