जिला कार्यालय के बाद वीड हारर्वेस्टर के भ्रष्टाचार पर भी लड़ाई कमजोर हुई
भाजपाई जिस तरह से भाजपा जिला कार्याकाल में कांग्रेसियों के द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन को भूल गये है क्या उसी तरह ही दलपतसागर की सफाई के लिए खरीदी गये वीड हारर्वेस्टर मशीन में हुए भ्रष्टाचार को भी भूला दिया है? यह सवाल आम जनता के साथ ही राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय इसलिए बना हुआ है कि राज्य में भाजपा प्रमुख विपक्षी दल होने के बाद भी वह कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोलने की जगह उसके साथ समझौता करती दिखाई दे रही है।
भाजपाई लम्बे समय के बाद विपक्ष की भूमिका निभा रहे है इसलिए सत्तारूढ कांग्रेस पर निशाना साधने के बाद उसे मुद्दे को अंजाम तक ले जाने से पहले ही समझौता करके उसे ठंडे बस्ते में डाल देते है। जिला कार्यायल में कांग्रेसियों के द्वारा किये गये विरोध प्रदर्शन को भाजपाईयों ने मुद्दा तो बनाया लेकिन समय गुजरने के साथ ही इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में डालने में भी देरी नही लगायी, जबकि बस्तर प्रभारी शिवरतन शर्मा ने इस मामले पर आंदोलन करने की बात कही थी, लेकिन अभी तक भाजपाई ने इस मामले पर कुछ नही किया, जिससे यह लगे कि वह जिला कार्यालय में हुए विवाद को लेकर चिंतित है, उसी तरह ही दलपतसागर को साफ करने के लिए निगम प्रशासन के द्वारा 75 लाख की लागत से वीड हारर्वेस्टर मशीन की खरीदी की गयी, जिसमें भ्रष्टाचार की किये जाने को लेकर लड़ाई भी लड़ी, जिसके चलते जिला प्रशासन ने जांच दल का गठन कर दिया लेकिन इसके बाद यह मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि भाजपा नेता जिस तरह से एक के बाद एक मुद्दे पर कांग्रेस के साथ समझौता करते दिखाई दे रहे है, वह आम जनता की नजर में भी है। जो भाजपा के लिए मुश्किलें पैदा कर सकता है।