प्रतिपक्ष नेता सुवेंद्रु अधिकारी का आरोप बंगाल सरकार निगम विरूद्ध काम कर रही है
बंगाल में भाजपा किस तरह से टीएमसी का मुकाबला करें यह भाजपा के चाणक्यों को भी समझ नही आ रहा है। भाजपा छोड़ कर टीएमसी में जाने को भाजपा आलाकमान भी नही रोक पा रही है। वही भाजपा को छोड़ कर टीएमसी में शामिल हुए मुकुल रॉय को पहले लोक लेखा समिति का सदस्य बनाने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें लेखा समिति का अध्यक्ष बनाये जाने के विरोध में भाजपा विधायकों ने वॉक आऊट किया। मुख्यमंत्री ममता बेनर्जी के इस निर्णाय का भाजपा के प्रतिपक्ष नेता सुवेेंद्रु अधिकारी ने विरोध करते हुए राज्य में दलबदल कानून लागू कराने की मांग करते हुए कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने नियम को तोडक़र उन्हें पीएसी का अध्यक्ष बनाया है, जबकि नियम के मुताबिक अध्यक्ष विपक्षी पार्टी का होता है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय के टीएमसी में शामिल होने के बाद से सुवेंदु्र अधिकारी राज्य में दल बदल कानून लागू करने की आवाज को बुलंद कर रहे है सवाल यह है कि जब वह बंगाल की सत्ता के हिस्सेदार थे उस वक्त उन्हें राज्य मेें दलबदल कानून लागू कराने के लिए क्यो चिंतित नही थे, अगर उस वक्त भी दलबदल कानून को लागू करने की लड़ाई लड़ते तो आज लोग उनकी मांग को गंभीरता से लेते। लेकिन विधानसभा चुनाव में भाजपा को पराजय मिलने के बाद मुकुल रॉय द्वारा भाजपा छोडऩे के बाद इसे मुद्दा बनाना साबित करता है कि देश में लोकतंत्र के नाम पर हर गलत काम को तब तक सही बताने का खेल जारी रहता है जब तक कि वह स्वयं उसका शिकार ना हो जाये, सुवेंदु्र अधिकारी इन दिनों इसीलिए परेशान है उन्हें दलबदल से ज्यादा भाजपा छोड़ कर टीएमसी में गये नेताओं को महत्व मिलना सता रहा है। छत्तीसगढ़ के बाद बंगाल ऐसा राज्य है जहां पर भाजपा को लोकतंत्र खतरे में लग रहा है क्योकि वहां पर वह विपक्ष में है जबकि केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार लोकतंत्र को मजबूती के लिए काम कर रही है।