May 1, 2025

चुनाव की दिशा बदलने के लिए संघ प्रमुख ने दिया अनोखा बयान

संघ प्रमुख के बयान के बाद हिन्दू मुस्लिम राजनीति को मिली नई ऊर्जा
उत्तरप्रदेश चुनाव की दशा और दिशा बदल देगा संघ प्रमुख मोहन भागतव का बयान?

उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव के पूर्व संघ प्रमुख मोहन भागवत का यह बयान कि सभी भारतीयों का डीएनए एक हेै और मुसलमानों को डर के इस चक्र में नही फंसना चाहिए कि भारत में इस्लाम खतरे में है। उनके इस बयान से राफेल जांच की तरह ही राजनीति पारा गर्मा दिया है। एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि हिन्दुत्व एकता की बात नही करता है, लेकिन भारत का संविधान एकता की बात करता है। हिन्दुत्व एक विशिष्ट विचार धारा है जिसका पालन संघ व मोहन भागवत कर रहे है। वही कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि मोहन भागवत जी यह विचार क्या अपने शिष्यों, प्रचारकों, विश्व हिन्दू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी देंगे? क्या यह शिक्षा मोदी, शाह व भाजपा के मुख्यमंत्री को भी देंगे? बीएसपी नेता मायावती ने इस बयान को मुंह में राम बगल में छूरी जैसा बताया। संघ प्रमुख श्री भागवत का सभी का डीएनए आगामी उत्तरप्रदेश चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा ना बन जाये, इसका खतरा भी मंडाराने लगा है, क्योकि उनके बयान के बाद से जिस तरह से विपक्ष संघ प्रमुख के बयान पर सवाल उठा रहा है उससे आम जनता की समस्याओं पूरी तरह से दोयम दर्जे में चली गयी है, वही राफेल घोटाले की फ्रांस सरकार द्वारा जांच करने के साथ ही, अयोध्या जमीन खरीदी में गोलमाल का मामला ठंडे बस्ते में जाने का खतरा मंडराने लगा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संघ प्रमुख ने उत्तरप्रदेश में भाजपा की पतली हालत को देखते हुए चुनाव की दिशा को मोडऩे के लिए सभी भारतीयों का डीएनए एक होने के साथ ही मुसलमानों को इस चक्र मेें नही फंसना चाहिए कि इस्लाम खतरे में है जैसे बयान देकर चुनाव की दिशा हिन्दू मुस्लिम की तरफा मोडऩे की कोशिश की है, अभी तक विधानसभा चुनाव में हिन्दू खतरे में है का नारा भाजपा का प्रमुख मुद्दा रहा है जिसकी वजह से धु्रवीकरण आसानी से हो जाता रहा है। पूर्व में बिहार का विधानसभा चुनाव, डीएनए का मुद्दा पर चुनाव लड़ा जा चुका है, लेकिन आज डीएनए पर सवाल उठाने के साथ ही नीतिश कुमार मिल कर सरकार चला रहे है। शायद उसी तरह का प्रयोग उत्तरप्रदेश में भी किया जा रहा है, ताकि आम जनता के मूल मुद्दों की जगह हिन्दू मुस्लिम का मुद्दा ही चुनाव में प्रमुख मुद्दा बन जाये, क्योकि मॉब लिंचिग करने वालों को कभी भी संघ प्रमुख द्वारा हिन्दू विरोधी नही बताया गया, और ना ही दोषियों पर कार्यवाही करने की आवाज ही बुलंद की, उत्तरप्रदेश चुनाव के दौरान यह महान ज्ञान अचानक कैसे प्राप्त हो गया है यह भी सवालों के घेरे में है।

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