एमआईए ने सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव की याचिका का विरोध किया
बाबा रामदेव ने दर्ज एफआईआर की कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है कोर्ट से
बाबा रामदेव का एक वीडियों वारयल हुआ जिसमें यह कहते हुए दिखाई दिये कि किसी के बाप में हिम्मत नही है कि उन्हें गिरफ्तार कर लें। लेकिन उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को लेकर किसी भी प्रकार की कोई टिप्पणी नही है जिसके चलते दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका रद्द होगी या नही इस पर सस्पेंस बरकरार है। बाबा रामदेव ने कोर्ट से कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के उपयोग पर कथित टिप्पणी पर दर्ज एफआईआर को रोक लगाने की मांग की है। लेकिन इस याचिका का विरोध आईएमए ने किया है। एमआईए का कहना है कि लोगों को टीके और कोरोना प्रोटोकॉल की अवहेलना करने के लिए उसकाया है। गौरतलब है कि बाबा रामदेव मोदी सरकार के समर्थक होने के बाद भी उनके खिलाफ एमआईए डाक्टरों का मोर्चा खोलना ही साबित करता है कि मामला मोदी सरकार के साथ से निकल गया है। पहले बार मोदी सरकार में बाबा रामदेव के खिलाफ एमआईए ने मोर्चा खोल कर कही ना कही मोदी सरकार की परेशानियों केा बढ़ा दिया है। बाबा रामदेव के बयानों से कही ना कही वैक्सीन टीका पर भी भ्रम की स्थिति पैदा हुई, क्योकि समर्थकों की भी बड़ी संख्या है लेकिन भाजपा इस मामले पर सिर्फ कांग्रेस पर ही भ्रम फैलाने का आरोप लगाती है बाबा रामदेव पर वैक्सीन के भ्रम फैलाने का आरोप नही लगाती है।