पश्चिम बंगाल चुनाव में महगांई मुद्दा बन पायेगा या नही
पश्चिम बंगाल के चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में क्या हो पायेगा? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है कि क्योकि भाजपा पूरी ताकत के साथ पश्चिम बंगाल का चुनाव लड़ रही है। गौरतलब है कि देश में महगांई बेरोजगारी अपने पूरे चरम पर होने के साथ ही किसान आंदोलन के कारण भी कही ना कही मोदी सरकार की किरकिरी हो रही है, ऐसे में भाजपा के पास अपनी उपलब्धि बताने के लिए आम जनता से जूडे कौन से मुद्दे हो सकती है जो पश्चिम बंगाल की जनता को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए मजबूर कर सकते है, क्योकि मोदी सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दें पर सत्ता में आयी तो लेकिन सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचारियों को जेल भेजने में पूरी तरह से असफल ही रही। मोदी सरकार आर्थिक मामले पर भी पूरी तरह से फेल ही नजर आयी इसलिए पश्चिम बंगाल में भाजपा के पास जनता की भावनाओं के साथ खेल कर रह ही वोट अपने पक्ष में कर सकती है जिसमें जय श्री राम के साथ हिन्दू खतरे में है या पाकिस्तान की नानी याद दिला दिया है मोदी सरकार ने। पश्चिम बंगाल चुनाव के पूर्व जरूर चीन पूर्वी लद्दाख को खाली कर दिया है लेकिन मोदी सरकार चीन मोदी सरकार से डर कर भागा ऐसा कोई नारा बुलंद नही करेगी क्योकि मोदी सरकार चीन के साथ तनातनी के बीच निवेश की रास्ते खोल रहे है। भाजपा केन्द्र सरकार की योजनाएं को राज्य में नही लागू करने का आरेाप लगा सकती है लेकिन जिन भाजपा राज्यों मेंं डबल इंजन सरकार है वहां कौन सा राम राज्य आ गया है यह भी तो भाजपाईयों को बताना पड़ेगा। जिस तरह से हालात है उसे देखकर कहा जा सकता हेै कि मोदी सरकार के लिए पश्चिम बंगाल में सत्ता तक पहुंचना बहुत ही कठीन काम है, क्योकि जमीनी हालत मोदी सरकार के पक्ष में नजर नही आ रहे है, सिर्फ भावनात्मक मुद्दो के सहारे ही पश्चिम बंगाल की सत्ता मिल सकती है, शायद इसी लिए जय श्री राम की नारे जोर शोर से लगाये जाने लगे है।