प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब विपक्ष ही नही, पार्टी के अंदर के बगावती नेताओं से भी लडऩा होगा
राजस्थान में राजे ही भाजपा है, और भाजपा ही राजे के लगे नारे
उत्तरप्रदेश भाजपा में घमासान के बाद राजस्थान में सियासी पारा गर्माने लगा है, मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया आमने सामने है, जबकि विधानसभा चुनाव को ढ़ाई साल का वक्त है, ऐसे में कांग्रेस के अंदर सीएम को लेकर चल रही खींचतान कैसे गलत हो सकती है क्योकि कांग्रेस राज्य में सत्ता में है। बंगाल चुनाव के बाद जिस तरह से भाजपा के अंदर बगावती स्वरों को आवाज मिल रही है, जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की जोड़ी की पार्टी में कमजोर होती पकड़ की बानकी है। नेताओं को अब मोदी और शाह के सीबीआई और ईडी का डर भी खत्म हो गया है इसलिए बंगाल में भाजपाई टीएमसी में जाने को बेताब दिखाई दे रहे है। नारद घोटाले में शामिल मुकुल रॉय भाजपा छोड़ कर टीएमसी में शामिल हो गये है, जिस पर विगत दिनों सीबीआई ने टीएमसी के कई नेताओं को गिरफ्तार करके कई दिनों तक जेल में रखा था।
बंगाल हारने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को विपक्ष से ही नही भाजपा के अंदर से भी चुनौती मिलने लगी है। उत्तरप्रदेश की राजनीतिक घटनाक्रम जारी है इसी बीच कर्नाटक में भी सीएम येदियुरप्पा को बदलने की आवाज उठने लगी, राजस्थान में चुनाव ढ़ाई साल बाद होने वाले है लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच तलवारे खींच गयी है। वसुंधरा राजे के समर्थक यह नारा देने लगे है कि राजस्थान में राजे ही भाजपा है और भाजपा ही राजे,। गौरतलब है कि राज्य पार्टी मुख्यालय से वसुंधरा राजे के पोस्टर हटाये जाने के बाद से राजनीति गर्माने लगी है, और राजे समर्थक खुल कर सामने आने लगे है। इस मामले पर भाजपा नेता सिर्फ यह कह रहे है कि पार्टी से बड़ा कोई नही होता है लेकिन सवाल यह है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के रहते पार्टी के अंदर सीएम को लेकर खींचतान पैदा होना साबित करता है कि कही ना कही बंगाल चुनाव के बाद भाजपा नेताओं को यह महसूस होने लगा है कि प्रधानमंत्री की पकड़ पार्टी के अंदर कमजोर हुई है। उत्तरप्रदेश में जिस तरह से योगी को हटाने का अभियान को धक्का लगा उसके बाद विरोधियों के स्वर को नयी ताकत मिली और कर्नाटक के बाद अब राजस्थान में भी सीएम को लेकर लड़ाई शुरू हो गयी है।