प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मुकुल रॉय को टीएमसी में जाने से नही रोक पाये
जितिन प्रसाद की भाजपा में शामिल होने की खुशी हुई गायब
भाजपा नेता उत्तरप्रदेश में ब्राम्हणों का वोट साधने के लिए जितिन प्रसाद को पार्टी में शामिल करने को एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश करने के साथ ही कांग्रेस पार्टी के परिवारवाद को कटघरे में खड़ा कर रहे है, अभी भाजपा जितिन प्रसाद के भाजपा आने का जश्र ही माना रही थी कि बंगाल में भाजपा के बड़े नेता व केंद्रिय मंत्री मुकुल रॉय ने भाजपा छोड़ कर टीएमसी का दामन थाम लिया, वह भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह के रहते? भाजपा में परिवारवाद भी नही है इसके अलावा अपने आपकों देशभक्त पार्टी होने का दावा भी करती है फिर क्यो मुकुल रॉय ने भाजपा छोड़ी वह भी केंद्रिय मंत्री रहेतें? यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब तलाश करने का प्रयास गोदी मीडिया नही करेगी? क्योकि इससे कही ना कही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इमेज खराब होती है। वर्तमान राजनीति में विपक्षी दलों की इमेज खराब करना ही गोदी मीडिया की अहम जिम्मेदारी है और प्रधानमंत्री की इमेज को बेहत्तर बनाना। बंगाल में सिर्फ मुकुल रॉय ही भाजपा छोड़ कर टीएमसी में शामिल नही होना चाहते है, भाजपा नेताओं की लम्बी लिस्ट है जो वापस टीएमसी में जाने को तैयार बैठे है, लेकिन टीएमसी से हरी झंडी नही मिल रही है। भाजपा संगठन व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात से अवगत होने के बाद भी उन्होंने मुकुल रॉय को टीएमसी में जाने से नही रोक पा रहे है, जो स्पष्ट करता है कि सार्वजनिक रूप से होने वाले इस दलबदल को भाजपा आलाकमान भी रोक पाने में असफल है तो फिर कांग्रेसी नेता राहुल गांधी या सोनिया गांधी किस तरह से नेताओ को दूसरे पार्टी में जाने से रोक सकते है, जबकि वह सत्ता में भी नही है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पहली बार मोदी सरकार को बंगाल में एक के बाद एक झटके ममता बेनर्जी से मिल रहा है। जो बताता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ भाजपा के अंदर भी कमजोर हो रही है। योगी प्रकरण के बाद यह दूसरा मामला है जो साबित करता है कि पार्टी में अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नही चल रही है।