राजीव प्रपात रूढ़ी के फार्म हाऊस से एम्बुलेंस खोजना भारी पड़ गया पप्पू यादव को
कानून के हाथ बहुत लम्बे होते है, बिहार पुलिस से साबित किया
कोरोना की दूसरी लहर को लेकर पहले ही मोदी सरकार विदेशी मीडिया के निशाने में है ऐेसे हालातों में बिहार सरकार ने पप्पू यादव को 32 साल पूराने मामले पर गिरफ्तार करके जेल भेज देने से मोदी सरकार की फतीहत होने का सिलसिला जारी रहने की पूरी उम्मीद है। पप्पू यादव ने भाजपा नेता राजीव प्रताप रूढ़ी के फार्म हाऊस से सांसद नीधि से खरीदी गयी दर्जनों एम्बुलेंस का मामला सार्वजनिक करने के बाद पूरी तरह से बिहार सरकार के साथ ही भाजपा को कठघरे में खड़ा कर दिया था। बिहार में कोरोना संक्रमण के चलते लोगों को एम्बुलेंस नही मिल रही हेै वही दूसरी तरफ एम्बुलेंस भाजपा नेता के फार्म हाऊस में धूल फांक रही थी। बिहार सरकार की इस कार्यवाही पर देश पर राजनीतिक पारा गर्माने के साथ ही बिहार सरकार में सहयोगी दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और विकासशील इंसान पार्टी ने विरोध किया है।
बिहार में डबल इंजन की सरकार के दौरान पप्पू यादव द्वारा भाजपा नेता राजीव प्रपात रूढ़ी के फार्म हाऊस से सांसद नीधि से खदीदी गये दर्जनों एम्बुलेंस के धूल फांकने के मामले का उजागर करने के बाद राष्ट्रवाद का नारा बुलंद करने वाले भाजपा की सिर्फ बिहार में ही नही देश में किरकिरी होने पर भाजपा ने 32 साल पुराने एक मामले पर पप्पू यादव को गिरफ्तार करके यह संदेश दे दिया कि भाजपा के गलतियों को उजागर करने वाले केा जेल जाना ही पड़ेगा। बिहार पुलिस द्वारा तीन दशक पूराने मामले पर फरार मुजरिम को गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह ने कोई ट्वीट नही किया है वही बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी अभी तक अपनी प्रतिक्रिया नही दी है। बिहार पुलिस की एतिहासिक उपलब्धि पर अभी तक किसी भी बड़े नेताओं द्वारा ट्वीट नही किये जाने से पुलिस में निराश भी भावना पैदा हो सकती है, वही दूसरी तरफ पुलिस का मनोबल को कमजोर करने के लिए बिहार में एनडीए के समर्थन दल हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख जीतनराम मांझी ने इस गिरफ्तारी पर एजराज किया है, कि कोई जनप्रतिनिधि अगर दिन-रात जनता की सेवा करे और उसके एवज में उसे गिरफ्तार किया जाये, ऐसी घटना मानवता के लिए खतरनाक है, उन्होनें इस मामले की न्यायिक जांच की मांग की। वही दूसरे सहयोगी विकासशील इंसान पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी ने भी सरकार व प्रशासन की इस कार्यवाही का विरोध करते हुए कहा कि जनता की सेवा ही धर्म होनी चाहिए। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि पहले ही मोदी सरकार की कोरोना मामले पर दुनिया में फजीहत हो रही थी कि वह विरोधियों को दबाने का हर संभव प्रयास कर रहे है, बिहार में पप्पू यादव की गिरफ्तारी ने मोदी सरकार की शाख में और गिरावट ही आयेगी, क्योकि बाढ़ के वक्त भी पप्पू यादव ने लोगों को मदद की थी और कोरोना काल में भी अपने स्तर पर हर संभव मदद करने का प्रयास कर रहे थे। इसी तारतम्य में राजीव प्रपात रूढ़ी के फार्म हाऊस से एम्बुलेंस खोज निकाली, जो बिहार सरकार व मोदी सरकार को पसंद नही आयी और उन्हें जेल में डाल दिया ताकि मामले रफा दफा करने का प्रयास किया, लेकिन यह मामला भी उल्टा पड़ता दिखाई दे रहा है।