May 1, 2025

योगी के रामराज्य में शवों को नदी में बहाया जा रहा है?

उत्तरप्रदेश सरकार पर पहले ही मरने वालों का आंकड़ा छूपाने का लग रहा है आरोप
शवों को नदी में बहा कर मरने वालों की संख्या को छिपाया जा रहा है?

उत्तरप्रदेश और बिहार में डबल इंजन वाली सरकार है, लेकिन इसके बाद भी वहां पर कोरेाना का आंतक इस कदर जारी है कि शवों को जलाने की जगह गंगा नदी में बहा दिया जा रहा है। बिहार के बक्सर में गंगा नदी में लगभग ढेड़ सौ शवों के नदी में मिलने से हडकंच मच गया है। इसके पूर्व हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर और उत्तरप्रदेश के कानपुर में नदी में शव मिल चुके है। ज्ञात हो कि उत्तरप्रदेश में श्मशान में जलाये जाने वाले शव और जिला प्रशासन के आंकड़े में बहुत अंतर के चलते पहले ही उत्तरप्रदेश सरकार सवालों के घेरे में है कि कोरोना से मरने वालें का आंकड़ा छूपाया जा रहा है, नदी में शव के मिलने से इस बात की पृष्टि हो जाती है कि कोरोना से मरने वालों की संख्या में सरकार जानबूझ कर छिपा रही है। बक्सर प्रशासन का कहना है कि गंगा नदी में मिले शवों को उत्तरप्रदेश से प्रवाहित किया गया है।
कोरोना का आंतक उत्तप्रदेश व बिहार में इस कदर बढ़ गया है कि अब शवों को जलाने में भी समस्या आने लगी है तो शव को गंगा नदी में प्रवाह कर दिया जा रहा है, जिससे निश्चित की कोरोना संक्रमण के फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। बिहार के बक्सर जिले में गंगा नदी में नौ मई को सौ से ज्यादा शवों के गंगा नदी में मिलने से हडकंप मच गयी है और राजनीति भी शुरू हो गयी है, बक्सर प्रशासन इन शवों को उत्तरप्रदेश के प्रवाहित किये जाने की बात कह करके अपने बचाव कर रहा है, बक्सर के जिलाधिकारी अमन समीर ने बताया कि गाजीपुर व बलिया के साथ समन्वय स्थापित कर रहे हे ताकि उनके इलाके का लाशों का दाह संस्कार वही कर दिया जाये। गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश सरकार के ऊपर कोरोना संक्रमण से मारे जाने वालों का आंकड़ा छिपाने का आरोप पहले से ही लग रहा है क्योकि श्मशान में जलने वाली लाशों व जिला प्रशासन के आंकड़े में जमीन आसमान का अंतर है। उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे बिहार के बक्सर जिले में नदी में शवों के मिलने से आरोपों को पृष्टि होती है कि कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा को छुपाने की कोशिश सरकारों द्वारा जारी है। राजनीतिक जानकारों के अनुसार शवों को जलाने से यह उजागर हो रहा था कि जिला प्रशासन मरने वालों का आंकड़ा छिपा रही है इससे बचने के लिए शवों को नदी में बहाने का नया रास्ता खोजा गया लेकिन वह भी अब सवालों के घेरे में आ गया है।

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