चीन ने भारतीय मामले पर अमेरिका को भी अपने काम से ध्यान देने की दी सलाह
मोदी के 56 इंच के सीने का भरपूर भाजपा जिस तरह चुनाव में जनता को गुमराह करके उठा रही है उसी तरह ही चीन भी अरूणाचल प्रदेश में अतिक्रमण व नाम बदल कर उठा रहा है। चीन लद्दाख और अरूणाचल प्रदेश में भारतीय क्षेत्र में अतिक्रमण करने के मामले पर अमेरिका के हस्ताक्षेप को बर्दास्त नही कर पा रहा है? जब मोदी सरकार को भारतीय सीमा पर चीन के अतिक्रमण से कोई परेशानी नही है तो फिर अमेरिका क्यों चिंतित है? इस मामले पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी जरूर मोदी सरकार के पर सवाल उठा रहे है कि मोदी की 56 इंच चौड़ी छाती पर चीन चढ़े बैठे है और वह चुपचाप हैं। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कोई भी भारतीय सीमा पर नही घूसा है तो फिर चीन के साथ विगत 21 महीने में 14 बार बातचीत किस मुद्दे को लेकर हो रही है?
विधानसभा चुनाव के पूर्व एक बार फिर चीन के भारतीय सीमा पर अतिक्रमण का मामला उठता दिखाई दे रहा है। भारत और चीन के सीमा विवाद अमेरिका चिंतित नजर आ रहा है, व्हाइट हाऊस के प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा था कि चीन अपने पड़ोसियों को डराने- धमकाने का प्रयास करता हे और हम चीन के इस व्यवहार पर नजर बनाए हुए हैं। अमेरिकी अधिकारी के दिये इस बयान पर मोदी सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नही आयी, लेकिन चीनी रक्षामंत्रायल ने कहा कि सीमा समस्या एक द्विपक्षीय मामला है और चीन और भारत दोनों तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप का विरोध करते हैं। दोनों देशों के बीच चल रही वार्ता सकारात्मक रही हैं। सीमा समस्या सुलझाने के लिए दोनों देश मिलकर काम कर रहे है। उल्लेखनीय है कि गलवान घाटी विवाद के बाद 14 दौरों की बातचीत हो जाने के बाद भी चीन लद्दाख के कुछ क्षेत्रों से पीछे हटने का तैयार नही है, इसके बाद भी मोदी सरकार अपनी ताकतवर इमेज को बनाये रखने के लिए इस मामले पर मौन साधे हुए है। चीनी अतिक्रमण मामले पर भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी लगातार मोदी सरकार को घेरते रहे है। चीनी रक्षामंत्रालय द्वारा अमेरिका को धमकाने पर एक बार फिर उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि चीन ने अमेरिका को अपने काम पर ध्यान देने के लिए कहा है, क्योकि चीनी मोदी की 56 इंच वाली छाती पर बैठे हैं और वे इसका विरोध भी नही कर पा रहे हैं। वास्तव में मोदी को पता भी नही है कि चीन उनके सीने पर बैठा हुआ है और वे कोई आया नहीं का नारा लगा रहे हैं। ज्ञात हो कि विपक्ष के रहते नरेंद्र मोदी मनमोहन सरकार को चीन से लाल लाल ख्आंखे दिखा कर बात करने की सलाह दी थी लेकिन वर्तमान में हालत ऐसे हो गये है कि चीन द्वारा भारतीय सीमा पर अतिक्रमण के मामले पर अमेरिका चिंतित है लेकिन मोदी सरकार बिलकुल भी चिंतित नही है।
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अमेरिका भी मोदी सरकार को बदनाम कर रहा है?
क्या अमेरिका चीन के भारतीय सीमा पर अतिक्रमण के मामले पर मोदी सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है? यह सवाल इसलिए राजनीतिक गलियारों में महत्वपूर्ण है क्योकि मोदी समर्थक इस बात को मानने को तैयार नही है कि चीन ने एक इंच जमीन में मोदी सरकार में कब्जा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही कह चुके है कि कोई भी भारतीय सीमा पर घूसा नही है, ऐसे में क्या अमेरिका भी देश के विपक्ष की तरह चीन को पड़ोसियों को धमकाने की बात करके मोदी सरकार की ताकतवर इमेज का नुक्सान पहुंचा रहा है।