एक साथ बढ़ाये गये 25 प्रतिशत किराया वृद्धि का भाजपा कैसे करेगी विरोध?
मोदी सरकार देश हित में पेट्रेाल व डीजल के दाम बढ़ा रही है तो निश्चित ही प्रदेश सरकार ने भी बस किराया में 25 प्रतिशत की वृद्धि राज्य के हितों को देखते हुए ही की होगी। ऐसी स्थिति में प्रदेश भाजपा संगठन चाह कर भी राज्य सरकार के द्वारा बढ़ाये गये किराये का विरोध नही कर पायेगी?
मोदी सरकार के द्वारा पेट्रोल व डीजल के बढ़ते दामों को भाजपा नेताओं ने देशहित में बता कर मंहगाई का मुद्दा ही खत्म कर दिया है, ऐसी स्थिति में राज्य सरकार द्वारा बस किराये में की गयी 25 प्रतिशत की वृद्धि को लेकर भाजपा संगठन किस तरह विरोध कर पायेगी यह ऐसा सवाल है जो आम जनता के बीच भी चर्चा का केंद्र बिंदू है? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा संगठन इन बढ़े हुए किराये पर सवाल उठती है तो पहले उन्हें यह भी जवाब देना पड़ेगा कि मोदी सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल के बढ़े दाम देश हित में है तो प्रदेश सरकार के द्वारा बढ़ाया गया बस किराया क्यो राज्य हित में नही है। उल्लेखनीय है कि किराया बढ़ाने की मांग लम्बे समय से बस संचालक कर रहे थे, जो बढ़ते पेट्रेाल डीजल को देखते हुए काफी हद तक जायज भी लगता है। अभी तक पेट्रेाल व डीजल के दाम बढऩे से सामान महंगा हुआ था अब सफर भी महंगा होने वाला है, परंतु विपक्षी दल भाजपा विरोध करने की स्थिति में नही है। लोकतंत्र में विपक्ष का कमजोर होना लोकतंत्र का कमजोर होना माना जा सकता है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार को बचाने के लिए राज्य भाजपा संगठन चाह कर भी एक साथ बढ़ाये गये 25 प्रतिशत किराये का विरोध नही कर पायेगी, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ेगा।