आधे अधूरे निर्माण के लोकार्पण पर विपक्ष में रहते कांग्रेस बेहद सक्रिय थी,
सिटी ग्राउण्ड के आधे अधूरा निर्माण का लोकार्पण करने के मामले पर भाजपा की चुप्पी राजनीतिक गलियारों के साथ ही आम जनता के बीच भी चर्चा का विषय बनती जा रही है, कि इतने अहम मुद्दे पर भाजपा क्यो पूरी तरह से बैंकफुट में है, जबकि मेडिकल कॉलेज के आधे अधूरे लोकार्पण के खिलाफ कांग्रेसियों ने मोर्चा खोला कर जनता को यह बताने का प्रयास किया कि भाजपा सरकार काम पूर्ण किये बगैर ही श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, भाजपा कांग्रेस की तर्ज पर आधे अधूरे सिटी ग्राउण्ड के लोकार्पण का विरोध क्यो नही कर पा रही है? इसके पीछे का राज जानने का हर कोई अपने स्तर पर प्रयास कर रहा है। राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा संगठन आखिर इतने अहम मुद्दे पर क्यो ऑख मुदृदे बैठा हुआ है, जबकि विपक्ष में होने के कारण उन्हें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। ज्ञात हो कि भाजपा संगठन सिलगेर मामले पर भी मौन साधे हुए था जबकि आदिवासी मारे गये ग्रामीणों को इंसाफ दिलाने के लिए लम्बी लड़ाई तक लड़ी, इसके साथ ही फर्जी मुठभेड़ों के मामले पर भी भाजपा पूरी तरह से मौन है, जबकि आदिवासी समाज इस मामले पर सक्रिय है। सिटी ग्राउण्ड के आधे अधूरे निर्माण पर जिला फुटबांल संघ के पदाधिकारियों का ही कोई प्रतिक्रिया नही आयी जबकि फुटबंाल संघ में भाजपा से जूडे लोग बैठे है।